पीएफआई

पीएफआई पर पिछले साल एनआईए ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। लगातार 2 बार छापों में एनआईए ने पीएफआई के बड़े नेताओं और तमाम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए के इन छापों के बाद जो सबूत मिले, उनके आधार पर केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है कि ये कांग्रेस के तुष्टिकरण नीति की लाल डायरी है। उन्होंने घटना को लिखने के बाद प्रतिबंध से पहले राजस्थान में पीएफआई को मार्च की मंजूरी देने की घटना भी उठाई है। शहजाद ने पूछा है कि क्या गहलोत सरकार कट्टरपंथियों को ऐसे ही छूट देगी।

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ये छापेमारी आज सुबह से बड़े पैमाने पर की जा रही है। एसडीपीआई पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंध होने का आरोप पहले से लगता रहा है। बताया जाता है कि एसडीपीआई को पीएफआई ने अपने राजनीतिक फ्रंट के तौर पर बनाया था। पहले भी एसडीपीआई के दफ्तरों पर छापे मारे जा चुके हैं।

फुलवारी शरीफ से बिहार पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 8 पेज का पीएफआई का दस्तावेज बरामद हुआ था। इस दस्तावेज से पता चला था कि पीएफआई ने भारत की आजादी के स्वर्ण जयंती के मौके पर 2047 में भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश रची थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज तड़के प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लोगों पर बड़े पैमाने की छापेमारी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक, केरल और बिहार में 25 जगह एनआईए ने छापे मारे हैं। ये छापे बिहार के फुलवारी शरीफ केस के सिलसिले में एनआईए ने मारे हैं।

पीएफआई के खिलाफ पहले ही गजवा-ए-हिंद के आरोप लग चुके हैं। बिहार शरीफ में पीएफआई के दो सदस्य 2022 में गिरफ्तार किए गए थे। इनके पास से इस्लामी संगठन का एक 8 पन्ने का दस्तावेज मिला था। इस दस्तावेज से भारत के खिलाफ पीएफआई की साजिश का खुलासा हुआ था। उसके बाद केंद्र ने संगठन पर बैन लगाया था।

Investigation: आतंकी संगठन PFI का हेडक्वार्टर केरल में है, जहां से उनके पदाधिकारी निर्देश देते हैं। ऐसे ही बरगलाकर युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ने के निर्देश केरल से दिए जा रहे थे। ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए परवेज और रईस सीएए, एनआरसी प्रकरण के समय से सक्रिय थे। दोनों असम तथा अन्य राज्यों में पीएफआई, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के संपर्क में रहकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। एटीएस ने दोनों के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है, ताकि उससे अहम जानकारियां हासिल हो पाएं।

वीएचपी के महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि कांग्रेस और अन्य ऐसे संगठनों को सदबुद्धि देने के लिए हमने हनुमान चालीसा पाठ का फैसला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस आतंकियों और देशविरोधी ताकतों की वकालत और प्रचार करती है। परांडे ने कहा कि कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने का अपमानजनक वादा किया।

एसडीपीआई के बारे में बीते दिनों खबर आई थी कि वो पीएफआई के कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रहा है। अब कांग्रेस की तरफ से एसडीपीआई से चुनाव में गठबंधन करने के दावे पर बीजेपी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक बीजेपी के प्रवक्ता एस. प्रकाश ने कांग्रेस और आतंकी संगठन के बीच साठगांठ होने का आरोप लगाया है।

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