प्रचार कमेटी प्रमुख

गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस नेतृत्व के बीच तमाम मुद्दों पर मतभेद रहे हैं। गुलाम नबी 23 नेताओं के उस गुट में भी शामिल रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस में नेतृत्व बदलने समेत कई मांगें की थीं। इसके बाद कांग्रेस ने गुलाम नबी को राज्यसभा से रिटायर होने के बाद फिर से सदन में नहीं भेजा।