प्रतिबंधित संगठन

उसे फरार होने की कोशिश करते वक्त मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से एटीएस ने पकड़ा। एटीएस का दावा है कि मुनीर आलम पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद हिडेन अजेंडा के तहत संगठन की जड़ें फैला रहा था। वो पीएफाई की एडहॉक कमेटी का भी मेंबर है। मुनीर ने बताया है कि मौलाना शादाब उसके गांव आया-जाया करता था।

फुलवारी शरीफ से बिहार पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 8 पेज का पीएफआई का दस्तावेज बरामद हुआ था। इस दस्तावेज से पता चला था कि पीएफआई ने भारत की आजादी के स्वर्ण जयंती के मौके पर 2047 में भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश रची थी।

एसडीपीआई के बारे में बीते दिनों खबर आई थी कि वो पीएफआई के कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रहा है। अब कांग्रेस की तरफ से एसडीपीआई से चुनाव में गठबंधन करने के दावे पर बीजेपी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक बीजेपी के प्रवक्ता एस. प्रकाश ने कांग्रेस और आतंकी संगठन के बीच साठगांठ होने का आरोप लगाया है।

पीएफआई के खिलाफ सितंबर में एनआईए के एक्शन के बाद केंद्र सरकार ने सभी सबूतों को देखते हुए संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद भी खबरें आ रही थीं कि पीएफआई के लोग अलग संगठन बनाकर अपने भारत विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए हैं। इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद एनआईए ने फिर कार्रवाई की है।

ब्रिटेन के बर्मिंघम (Birmingham) में भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) के सामने गुरुवार को सिख समूह के प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ग्रुप के नेता परमजीत सिंह 'पम्मा' (Paramjit Singh 'Pamma') ने खालिस्तानी झंडे (Khalistani flags) लहराते हुए प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

आजादी के बाद से ही असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में उग्रवाद की समस्या बनी रही है। असम की आबादी में 28% बोडो हैं। ये खुद को असम का मूल निवासी मानते हैं।