प्राण का अस्तित्व

Existence of Life: प्राण ही आयु (Life) है। प्राण के अभाव में शरीर का कोई अस्तित्व (Existence of life) नहीं है। उत्तर वैदिककाल (Post vedic period) में अन्न को मनुष्य जीवों का आधार कहा गया है। इसी उपनिषद में अन्न की निंदा न करने को महत्वपूर्ण व्रत कहा गया है कि अन्न ही प्राण है।

प्राण (Life) से जीवन है। प्राण से प्राणी है। प्राण दिखाई नहीं पड़ते। इसके बावजूद प्राण का अस्तित्व (Existence of life) है और प्राण के कारण ही जीव का अस्तित्व है। प्रश्नोपनिषद में कहा गया है कि सहस्त्रों किरणों वाला, सैकड़ों रुपों वाला समस्त जीवों का प्राण सूर्य उदित हो रहा है। यहां सूर्य संसार का प्राण है।

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