फारूक अब्दुल्ला

Farooq Abdullah and Kapil Sibal Viral Video: कपिल सिब्बल कहते है कि यहां तो लोग कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं। फारूक अब्दुल्ला बोलते है कि सवाल ही नहीं...जैसे कुर्सी ही सबकुछ है..जब उसी दरिया को पार करने के लिए गए तो वो नाव वाला क्या कहता है। इन्होंने (राम) कहा मेरे पास कुछ नहीं है... माता सीता ने कहा मेरे पास कंगन है हमें पार ले चलो।

Israel Hamas War: वहीं, इस घटना से अवगत होने के बाद युवती के परिजन सदमे में हैं। खबर लिखे जाने तक अब इस हमले की जद में आकर 400 से भी अधिक लोग मारे जा चुके हैं, तो वहीं कई घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है, जिससे इजराइल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी दबाव बढ़ गया है।

Farooq Abdullah on Uniform Civil Code: बकरीद के मौके पर मीडिया से बात करते हुए, यूनिफॉर्म सिविल कोड पर इनको सोचना चाहिए। ये विविधता का मुल्क है इसमें हर समुदाय के लोग रहते है। मुसलमानों का अपना शरीयत लॉ है। उसकी तरफ भी इनको नजर रखनी चाहिए।

Poonch Attack: गत गुरुवार को पुंछ हमले के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख मनोज पांडे से संपर्क किया था। बता दें कि मनोज पांडे अभी दिल्ली में हैं, लेकिन अब खबर है कि वो जम्म्मू के लिए रवाना हो सकते हैं। हालांकि, वे लगातार संपर्क में बने हुए हैं।

Farooq Abdullah : फारुक के मुताबिक, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में पाकिस्‍तान की यात्रा से पहले उनसे राय मांगी थी तब भी उन्‍होंने (फारुक ने) दोनों देशों को एकजुट होने और आपसी विश्‍वास की बहालीका संदेश दिया था।

हालांकि, इसमें ज्यादा हैरान होने की बात नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी गलवान झड़प के दौरान चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात पूरी दुनिया से छुपाने की कोशिश की थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चीन के झूठ का पर्दाफाश कर उसे अपने हद में रहने की हिदायत लगे हाथों दे डाली थी।

Shahrukh Khan : दरअसल, गत दिनों फिल्म का एक गाना रिलीज किया गया था। जिसमें अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भगवा रंग की बिकिनी पहनी हुई नजर आई थी, जिसे लेकर हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई। अभिनेत्री द्वारा पहने गए भगवा बिकिनी को हिंदू आस्था का अपमान बताया जा रहा हैं।

Farooq Abdullah Resigns : इससे पहले शनिवार को फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर के नूरबाग इलाके में कुछ स्थानीय लोगों ने घेर लिया। डॉ अब्दुल्ला यहां एक परिवार से मुलाकात कर लौट रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति ने अब्दुल्ला को परेशान करना शुरू कर दिया। उस शख्स ने फारूख अब्दुल्ला की गाड़ी पर हमला भी किया।

जम्मू-कश्मीर में 1980 के आखिर और 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीरी पंडितों का आतंकियों ने नरसंहार किया। कश्मीरी पंडितों को मारा गया, उन्हें घर-बार छोड़कर पलायन करने को मजबूर किया गया। उस वक्त राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार थी। फारूक अब्दुल्ला सीएम थे। इसी बारे में सवाल पूछने पर वो भड़क गए।

Jammu-Kashmir: गौरतलब है कि साल 2014 के विधानसभा चुनावों में पीडीपी ने 28 सीटें जीती थीं, भाजपा ने 25 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के खाते में 15 सीटें आई थी, जबकि कांग्रेस को 12 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।