बिंदु माधव मंदिर

एएसआई की तरफ से ज्ञानवापी का सर्वे 4 से 5 दिन में पूरा हो सकता है। इस सर्वे के तहत पूरे मस्जिद, उसकी पश्चिमी दीवार, गुंबद और मस्जिद में कलाकृतियों का परीक्षण होगा। सर्वे में वजूखाने और उसमें मिली शिवलिंग जैसी आकृति का सर्वे अभी नहीं होगा। वजूखाने पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे है। स्टे हटने पर इसका भी सर्वे संभव है।

अर्जी में कहा गया है कि पंचगंगा घाट पर बनी धरहरा मस्जिद की जगह पहले विशाल विष्णु मंदिर था। उसका नाम बिंदु माधव मंदिर था। आरोप है कि उस मंदिर को ढहाकर मुगल शासक औरंगजेब ने मस्जिद बनवाई। अर्जी में ये भी लिखा है कि फिलहाल ये मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI के पास है, लेकिन मुस्लिम यहां नमाज पढ़ते हैं।