भारतीय नौसेना

India Defence: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स (PLARF) बीजिंग से देश के भूमि-आधारित बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार को नियंत्रित करती है। PLARF में 40 ब्रिगेड शामिल हैं। इसी तरह, भारत अपनी खुद की रॉकेट फोर्स विकसित कर रहा है, जैसा कि पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कल्पना की थी। इसमें छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ 1500 किलोमीटर की रेंज वाली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें भी शामिल हैं।

Brahmos Missile For Indian Navy: इन मिसाइलों को युद्धपोतों के अलावा जमीन, हवा और पनडुब्बी से भी दागा जा सकता है। भारतीय नौसेना लगातार ब्रह्मोस मिसाइलों का परीक्षण करती रहती है और हर परीक्षण में ये मिसाइल पूरी तरह सफल रही है।

दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि वो आगामी 60 दिनों के दरम्यान पूर्व नौसैनिकों को मिली सजा के विरोध में अपील दायर करेगा और कोशिश करेगा कि हमारे पूर्व नौसैनिकों को पूर्ण रूप से राहत मिल सकें।

Malta Cargo Ship Hijacked: बताया गया है कि जहाज ने 14 दिसंबर को यूकेएमटीओ पोर्टल पर एक संकट संदेश भेजा था, जिसमें जहाज पर लगभग छह अज्ञात व्यक्तियों की मौजूदगी का संकेत दिया गया था। त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय नौसेना ने निगरानी के लिए अपने समुद्री टोही विमान को क्षेत्र में भेजा।

Qatar Indian Navy Officers: ऐसी स्थिति में भारत ने भी अपनी भू्मिका स्पष्ट कर दी थी कि वो इजराइल के पक्ष में है और हमेशा खड़ा रहेगा, लेकिन आपको बता दें कि बीते दिनों उसकी भूमिका पर उस वक्त सवाल खड़े हो गए थे, जब भारत की ओर से युद्धग्रस्त फिसिस्तीन को भारी मात्रा में राहत सामग्री भेजी गई थी।

Qatar: कतरी अदालत के फैसले के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार अपने नागरिकों को फांसी से बचाने के लिए कानूनी रास्ते तलाश रही है। कानूनी विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत सरकार के पास अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई विकल्प हैं। वे अंतरराष्ट्रीय अदालतों से मदद मांग सकते हैं, कतर पर राजनीतिक दबाव बना सकते हैं, या कतरी सुप्रीम कोर्ट में मौत की सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं।

शुक्रवार रात भारतीय वायुसेना के सी-130 जे हरक्यूलिस विमान को सूडान की राजधानी खारतूम से 40 किलोमीटर दूर की एक बहुत खराब हवाई पट्टी पर उतारकर भारतीयों को रेस्क्यू किया गया था। बिजली न होने की वजह से पायलटों ने नाइट विजन गॉगल्स पहनकर विमान को उतारा और उड़ान भरी।

चीन और भारत के बीच 1958 से ही सीमा का विवाद है। साल 2020 में गलवान घाटी की घटना के बाद से दोनों देशों के बीच ये तनाव चरम पर है। भारत और चीन के बीच सीमा की जगह 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी है। इसमें से 520 किलोमीटर लंबी एलएसी अरुणाचल प्रदेश में है। इसी एलएसी को लेकर भारत-चीन में तनाव है।

सेना के तीनों अंगों में अग्निवीरों को शामिल करने का फैसला सरकार ने पिछले साल किया था। नौसेना के बाद वायुसेना और सेना में भी अग्निवीरों का पहला बैच शामिल होने वाला है। अग्निवीरों को 4 साल की नौकरी पर रखा जाएगा। उन्हें वेतन समेत सभी भत्ते मिलेंगे। 4 साल बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को ही परमानेंट किया जाएगा।

Agniveer First Batch: आज मंगलवार को नौसेना में अग्निवीर का पहला बैच शामिल हो रहा है। ये न सिर्फ भारतीय नौसेना के लिए खास है बल्कि उन अग्निवीरों के लिए भी जो अब समुद्र में नौसेना के अग्रणी जंगी युद्धपोतों और अन्य सैन्य ठिकानों पर नियुक्त किया जाएंगे।