अथर्ववेद भारतीय अनुभूति का मधुरस है। निस्संदेह इसके पूर्व ऋग्वेद में दर्शन और विज्ञान के ज्ञान अभिलेख हैं, प्रकृति के प्रति गहन जिज्ञासा है। मनुष्य को आनंदित करने वाली जीवनदृष्टि है।