मुकेश

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी मुकेश की इस मांग को खारिज कर दिया था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दोषी ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेरिट के आधार पर उनकी दया याचिका खारिज की है। मामले के चार दोषी विनय, मुकेश, अक्षय और पवन को 16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय साइकोथेरेपी की एक छात्रा के साथ जघन्य दुष्कर्म व हत्या मामले में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा सुनाई गई है।

निर्भया के गुनहगार के होश फाख्ता हैं। जैसे-जैसे फांसी का वक्त नजदीक आ रहा है उनकी घबराहट बढ़ती जा रही है। निर्भया का गुनाहगार अक्षय अपशब्द बकने लगा है।

निर्भया के गुनहगार अब अपने अंजाम पर पहुंचने ही वाले हैं। इस बात के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। तिहाड़ प्रशासन ने सभी गुनाहगारों को आखिरी चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी इनके परिवार से अंतिम मुलाकात के लिए है।

दोषियों की फांसी टलने से निर्भया की मां आशा देवी नाराज हैं, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नहीं चाहती है कि दोषियों को फांसी हो। उन्होंने कहा, फांसी में हो रही देरी के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है।

बता दें कि डेथ वारंट के बाद कम से कम 14 दिन का वक्त दिया जाता है। इस समय में जेल प्रशासन अपनी तैयारी पूरी करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से दोषियों को नोटिस जारी करने को कहा था।

निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी हो गया है और उन्हें 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया।

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