मुख्तार अंसारी

Mukhtar Ansari Death: उन्होंने मुख्तार को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। इसके बाद उसे पुलिस सुरक्षा में बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी को इससे पहले पिछले 18 महीनों में 8 मामलों में सजा का सामना करना पड़ा था।

Mukhtar Ansari: 2009 में करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। इस मामले में शुरू में मुख्तार अंसारी को आरोपी बनाया गया था, जिसे बाद में हत्या के प्रयास के मामले में जोड़ दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः उनके खिलाफ गैंगस्टर के आरोप लगाए गए। अंसारी को पहले हत्या के प्राथमिक मामले में बरी कर दिया गया था।

Ghazipur Gangster case: बता दें कि पूरा मामला साल 2010 का है। जब गाजीपुर के करंडा थाने में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। गैंगस्टर एक्ट के इस केस में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर जानलेवा हमले के मामले में गैंगचार्ट में शामिल किया गया।

Mukhtar Ansari: पुलिस ने दर्ज कराई अपनी प्राथमिकी में मुख्तार पर लगाया मुख्तार ने जबरन उसकी बहन की जमीन को अपने नाम करा लिया था। वहीं, दूसरी शिकायत में कॉर्मिशियल भवन को जबरन अब्बासी अंसारी कराए जाने का आरोप है। पुलिस ने इन दोनों ही आरोपों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। बता दें कि मुख्तार अंसारी फिलहाल बांदा जेल मे बंद है। अब तक उसे दो मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है।

Anwar Shehzad: मुख्तार अंसारी के खिलाफ ऑपरेशन पैंथर को शुरू किया गया है ताकि उसकी बेनामी संपत्तियों का पता लगाया जा सके। इस ऑपरेशन के दौरान, आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी के करीबी गणेश दत्त मिश्रा और कई अन्य लोगों से पूछताछ की है और इसके जरिए कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं। यह खुलासा हुआ है कि मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियां उत्तर प्रदेश सहित पंजाब और दिल्ली में कई जगहों पर मौजूद हैं।

संजीव जीवा की हत्या के बाद यूपी के डीजीपी दफ्तर से सभी जिलों के लिए आदेश जारी हुए हैं। कानून और व्यवस्था देखने वाले स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने आदेश दिया है कि सभी कचहरियों और कोर्ट में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए। ताकि जीवा की हत्या जैसी घटनाएं न हो सकें।

Who Is Mukhtar Ansari: 30 जून 1966 को यूसुफपुर में उनका जन्म हुआ। परिवार में सियासत बचपन से ही उन्हें विरासत में मिली। जिसके चलते ही माफिया अंसारी को मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में रिकॉर्ड पांच बार विधायक के रूप में चुना गया। लेकिन अपराध की दुनिया में भी मुख़्तार अंसारी की तूती बोलती है। उसपर कई हत्याओं, अपहरण, फिरौती के आरोप भी लगे हैं। इसमें सबसे चर्चित आरोप हैं, कृष्णानंद राय की हत्या का मामला, अवधेश राय की हत्या का मामला जिसमें कि आज मुख़्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Mukhtar Ansari: अवधेश राय को घटना के फ़ौरन बाद ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन गोलियां इतनी ज्यादा लगी थी कि वो बच न सके। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से पूरा पूर्वांचल सहम उठा था। पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया। साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक का भी नाम रहा। इनमें से कमलेश व अब्दुल कलाम भी अब तो मर चुका है।

इसके अलावा उसके भाई अफजाल अंसारी को बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में भी 4 साल की सजा सुनाई थी और चार लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। ध्यान रहे कि कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद दोनों बाहुबलियों की विधानसभा सदस्यता जनप्रतिनिधित्व कानून के दृष्टिगत रद कर दी गई थी।

UP Nikay Chunav: सीएम योगी ने कहा कि ऋषि मुनियों की इस तपोभूमि को, महान स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की जन्मस्थली और महान क्रांतिकारी कवि पंडित श्याम नारायण पांडे की इस जन्मभूमि को जिसे तमसा नदी में अपने आंचल में रखकर के पवित्र किया है, ऐसे मऊ जनपद को कोटि-कोटि नमन करता हूं। कभी स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रगतिशील सोच ने इस जनपद को एक दिशा दी थी।