मुगल

सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर कर्नाटक जैसी 5 गारंटी लागू करने का एलान कर सकती हैं। इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को भी लागू करने का वादा प्रियंका गांधी जबलपुर की जनसभा में करने जा रही हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ 5 वादे पहले ही कर चुके हैं।

एनसीईआरटी ने बीते दिनों बताया था कि उसने 11वीं और 12वीं की किताब से मुगल दरबार वाला चैप्टर हटा दिया है। एनसीईआरटी का कहना है कि छात्रों पर से बोझ कम करने के लिए उसने मुगलों वाला चैप्टर हटाया। ये पेज नंबर 56 पर हुआ करता था। एनसीईआरटी की किताब में हालांकि कई और जगह मुगलों का जिक्र है।

आचार्य प्रमोद कृष्णम पहले प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी में सलाहकार भी रहे हैं। वो यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता हैं। एक बार ऐसे ही एक विवाद पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और सांसद जयराम रमेश से भी ट्विटर पर उनकी जंग हो चुकी है।

इसके अलावा उन्होंने बाबरी मस्जिद विवाद का जिक्र कर कहा कि बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था, उसे हमने स्वीकार कर लिया है, हमने सोच लिया कि चलो देश का बहुसंख्यक भी चाहता है कि वहां मंदिर बने। लिहाजा हमने उनकी धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा। लेकिन, मैं यह दावे से कह सकता है कि अगर कोर्ट ने मस्जिद बनाने का आदेश दिया होता है, तो वहां मस्जिद किसी भी कीमत पर नहीं बनाई जा सकती थी।

TV Debate: दरअसल अतीक उर रहमान डिबेट में ज्ञानवापी मस्जिद की जांच के लिए बार-बार सवाल उठा रहे थे। इसके बाद बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया के सब्र का बांध टूट गया, जिसके बाद उन्होंने मुस्लिम चिंतक अतीक उर रहमान की बोलती बंद कर दी।

अंजना ने भड़कते हुए वारिस पठान से पूछा कि आखिर ओवैसी के इस बयान का क्या मतलब है, तो इस पर वे जवाब देने की जगह इधर-उधर झांकने लगे। लेकिन उन्होंने जवाब देना जरूरी नहीं समझा। जिस पर एंकर भड़क गई और वारिस पठान पर चिल्लाते हुए कहा कि, ‘वारिस पठान साहब....मैं बताता हूं कि इस बयान के पीछे का मकसद है। इस बयान के जरिए आप हिंदुओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

जबसे ज्ञानवापी मस्जिद का मसला उठा है, असदुद्दीन ओवैसी लगातार इस मामले में भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाबरी मस्जिद भले गंवा दी, लेकिन देश के मुसलमान कभी भी एक और मस्जिद नहीं गंवा सकते। बयानबाजी में ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी के वजूखाने पर वजू करने की पाबंदी जारी रखने पर ही सवाल उठाए थे।

इससे पहले सिविल मामलों के सीनियर डिवीजन जज रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे कराकर 10 मई तक इसकी रिपोर्ट कोर्ट को देने के आदेश दिए थे, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में अड़ंगा लगा दिया था। मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया था कि कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र एकपक्षीय तौर पर काम कर रहे हैं।

Guru Tegh Bahadur Prakash Parv 2022: गुरू तेग बहादुर के बचपन का नाम त्यागमल था। मात्र 14 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने पिता के सानिध्य में मुगलों के विरूद्ध जंग लड़ी थी। उनकी इस वीरता से परिचय होने के बाद उनके पिता ने उनका नाम तेग बहादुर रख दिया था।

Rana Sanga Birth Anniversary: राणा मध्यकालीन भारत के अंतिम शासक थे, जिन्होंने कई राजपूत राज्यों को फिर से खड़ा किया। युद्ध के दौरान एक हाथ और  एक आंख खोने के बावजूद विदेशी आक्रमणकारियों का डट कर सामना किया।