मेक इन इंडिया

पुतिन ने कहा कि भारत से यूरोप तक बन रहे आईएमईसी गलियारे से उन्हें रूस के सामने कोई बाधा नहीं दिखती। पुतिन ने कहा कि इस गलियारे से रूस को फायदा होगा। व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि भारत से यूरोप तक बनने वाले गलियारे को लेकर कई साल से चर्चा हो रही थी। पुतिन ने इसे रूस के लिए फायदेमंद बताया।

China: अब भारत एक विकसित राष्ट्र के पथ पर अग्रसर हो चुका है। कहने में कोई गुरेज नहीं कि विश्व फलक भारत एक अहम राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आया है। विशेषतौर पर उत्पादन के क्षेत्र में। अतीत के चश्मे से देखे तो चीन में इकोसिस्टम स्थापित करने में पूरे 30 वर्ष लग गए।

1990 के दशक तक भारत का अंतरिक्ष अभियान अमेरिका और रूस की मदद से चल रहा था। दोनों देशों से इसरो को अपने सैटेलाइट या तो बनवाने पड़ते थे या उनके लिए यंत्र खरीदने होते थे। भारत का पहला दूरसंचार उपग्रह एप्पल भी अमेरिका में ही बना था और वहां से लॉन्च किया गया था।

आज हम 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। इस मौके पर देश की राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत की आन, बान और शान का प्रदर्शन किया जाएगा। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अबदुल फतेह अल सिसी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ पर सलामी लेंगी।

Army Reforms: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, भारत पिछले चार दशकों में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। यह स्थिति युद्धकाल में हमें बाहरी प्रभाव और दबाव के प्रति बेहद संवेदनशील बनाती है। इसलिए रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना आवश्यक है।

Make In India : मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत बनी देश की पहली अत्याधुनिक रैपिड ट्रेन (Rapid Train) की पहली झलक सामने आ गई है। दिल्‍ली-मेरठ (Delhi-Meerut) के बीच जल्‍द ही रैपिड ट्रेन चलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 74वें स्वतंत्रता दिवस (74th Independence Day) पर देश को मेक इन इंडिया (Make in India) के साथ मेक फॉर वर्ल्ड का मंत्र दिया है।

इसके साथ ही 'मेक इन इंडिया' (Make in India) के तहत बने 22,000 से अधिक वेंटिलेटर्स (Ventilators) भी उपलब्ध कराए गए हैं। महामारी से लड़ने और प्रभावी ढंग से इसका प्रबंधन करने के लिए केंद्र स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत कर रहा है।

गुजरात आज देश भर में 43% स्टार्टअप्स और I-Create के साथ स्टार्टअप हब बन गया है जिसे इज़राइल के सहयोग से शुरू किया गया था।

भारत-चीन से माल की आवक को प्रतिबंधित करने के तरीकों की तलाश में है, जिसे सिंगापुर और मलेशिया जैसे अन्य देशों के जरिए भारत में भेजा जा रहा है, जिनके साथ नई दिल्ली के व्यापार समझौते हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि भारत को उन कंपनियों के लिए स्वामित्व पैटर्न का खुलासा करना अनिवार्य करना चाहिए जो भारत को माल की आपूर्ति कर रही हैं।