यूएनएचआरसी

साल 2014 में मोदी सरकार जबसे आई, तभी से भारत विरोधी दुष्प्रचार लगातार विदेश में बढ़ रहा है। बीते दिनों ही यूएनएचआरसी में पाकिस्तान, भारत विरोधी प्रस्ताव लाया था। तुर्किए ने भी पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट दिया था। पाकिस्तान के इस भारत विरोधी प्रस्ताव के एक दिन बाद ही यूएनएचआरसी के बाहर भारत विरोधी बैनर लगाए जाने का वीडियो सामने आया है।

इस मामले में सबकी नजरें भारत की तरफ हैं। भारत इससे पहले रूस के खिलाफ लाए गए हर प्रस्ताव की वोटिंग से खुद को अलग रखता रहा है। भारत के दूत टीएस तिरुमूर्ति ने हमेशा कहा है कि युद्ध बंद होना चाहिए और मसलों का हल सिर्फ बातचीत से ही निकल सकता है।

यूएनएचआरसी के 43वें सत्र में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने पर राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव सेंथिल कुमार ने इस्लामाबाद को राइट्स फोरम का दुरुपयोग करने पर लताड़ा।

विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष मानवाधिकार के मुद्दे पर दुनिया को गुमराह कर रहा है। हकीकत तो यह है पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में बंदूकों और गोलियों के दम पर दमन चक्र चालू है और उससे पाकिस्तान कैसे अनदेखी कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को सीएए पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी।

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