योग गुरू बाबा रामदेव

Patanjali: एक तरफ जहां बाबा रामदेव भारतीयता, हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और स्वदेशीकरण की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उनके उपकर्म द्वारा उत्पादित किए गए उत्पाद में उर्दू शब्दों का दबदबा हजम नहीं होता है, उनके उत्पादों पर प्रकाशित ये दो अदद उर्दू शब्द उनके दोहरे मापदंड को जगजाहिर कर रहने के साथ उन्हें सवालिया कठघरे में खड़ा करते हुए नजर आ रहे हैं और सवाल यह है कि क्या बाबा रामदेव का स्वदेशीकरण महज अल्फाजों तक ही सीमित हैं या उसका असल जीवन से भी कोई सरोकार है।

इसके पहले इस दवा को लॉन्च करते हुए योग गुरू बाबा रामदेव ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दुनिया इसका इंतजार कर रही थी कि कोरोना वायरस की कोई दवाई निकले, आज हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई को हमने तैयार कर लिया है।