रवीश कुमार

पत्रकार रवीश कुमार आजकल चर्चा में हैं। वजह एनडीटीवी NDTV से उनका इस्तीफा है। रवीश कुमार ने बीते कुछ दिनों में कई इंटरव्यू दिए हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया था कि एनडीटीवी से उनको हटाने के लिए ही उद्योगपति गौतम अडाणी ने हजारों करोड़ खर्च किए हैं। अब वो सियासत में आने के संकेत दे रहे हैं।

Ravish Kumar: सोशल मीडिया पर रवीश कुमार को लेकर काफी चर्चा होने लगी। सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर जमकर मीम्स बनाए जाने लगे। वहीं, शाम तक ये भी खबर आई कि एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। 27 सालों बाद रवीश कुमार और NDTV का नाता टूटना लोगों के लिए खूब चर्चा में बना हुआ है।

#RavishKumar: उन्होंने वीडियो में कहा कि मैं जो कहने वाला हूं उसे धीरज के साथ सुनिएगा..। भारत की पत्रकारिता में कभी स्वर्ण युग था ही नहीं और कभी भस्म युग भी नहीं था

Adani Group: रवीश कुमार की पत्रकारिता की रीति नीति से तो सभी वाकिफ हैं। ऐसे में एनडीटीवी में अडानी ग्रुप की एंट्री के बाद से ही सोशल मीडिया पर रवीश कुमार को लेकर चर्चाएं हो रही हैं कि वो शायद इस्तीफा दे रहे हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर ये कह रहे हैं कि रवीश कुमार इस्तीफा दे भी चुके हैं।

अभी सोशल मीडिया पर रवीश कुमार की चर्चा चरम पर पहुंच चुकी है। सोशल मीडिया पर लोग रविश का जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। तरह-तरह के मीम्स अभी खासा सुर्खियां बटोर रहे हैं। अब आप यह समझ लीजिए कि यहां अडानी ग्रुप द्वारा एनडीटीवी के शेयर खरीदने की खबर आई है, तो वहीं रवीश कुमार के नाम पलक झपके ही मीम्स का सैलाब अपने चरम पर पहुंच गए।

रवीश कुमार (Ravish Kumar) का अप्रेल 2015 का एक आलेख उनके चैनल की वेबसाइट पर उनकी कलम से लिखी और उनकी ही अपनी रिपोर्ट जब आप देखेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि दूसरे मीडिया संस्थानों को गोदी मीडिया कहकर संबोधित करनेवाले कुमार कैसे अपना एजेंडा सरकार के खिलाफ कैसे चला रहे हैं। रवीश की 2014 से पहले और 2014 के बाद की रिपोर्ट देखकर आपको समझ में आ जाएगा की उनको सत्ता या सरकार से नहीं, उन्हें कृषि कानून के पास होने से नहीं, उन्हें सीएए के कानून बनने से नहीं, उन्हें तीन तलाक पर कानून बनाए जाने से नहीं, उन्हें घाटी से धारा 370 और 35 ए के हटाए जाने से नहीं बल्कि परेशानी नरेंद्र मोदी और सत्ता के सिंहासन पर उनके होने से परेशानी है।

Brajesh Pandey : कांग्रेस(Congress) द्वारा गुरुवार को 49 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। जिन लोगों को विधानसभा की सीटों के लिए प्रत्याशी बनाया गया है उसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव(Sharad Yadav) की बेटी सुभाषिनी और फिल्म अभिनेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा(Lav Sinha) के भी नाम है।

रवीश कुमार को फिनलैंड में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है। वर्तमान में वह विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव का कार्यभार संभाल रहे हैं।

अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, 'भारतीय विदेश मंत्रालय का आधिकारिक प्रवक्ता की जिम्मेदारी मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है। नई भूमिका में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए मैं सभी के साथ निकटता से काम करने को लेकर आशान्वित हूं।'