रासुका

दूसरी तरफ, पीड़ित आदिवासी युवक का एक हलफनामा भी सामने आया है। इसमें पीड़ित की तरफ से कहा गया है कि कुछ लोगों ने प्रवेश को फंसाने के लिए झूठा वीडियो वायरल किया। इस वीडियो में प्रवेश नहीं है। पीड़ित का जो हलफनामा सामने आया है, वो दो दिन पहले का है।

शुक्रवार को हिंसा की घटना के बाद हालात को संभालने के तुरंत बाद ही यूपी पुलिस ने दंगाइयों को दबोचने का काम शुरू कर दिया था। उसी दिन रात तक 236 आरोपी पकड़े जा चुके थे। वहीं, इससे पहले 3 जून को कानपुर में हुए दंगे के भी 60 से ज्यादा आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं।

इस हत्या के बाद यूपी पुलिस तुरंत ही हरकत में आ गई थी और गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने 22 अक्टूबर 2019 को अशफाक हुसैन (34) और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान (27) को गिरफ्तार किया था।