वंदे भारत मिशन

भारत (India) ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) की जिम्मेदारी लेने से बचने के लिए पाकिस्तान को एक बार फिर जमकर खरी खोटी सुनाई है।

गृह मंत्रालय ने बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 31 अगस्त तक बंद रहेंगे।

ये विद्यार्थी कोविड-19 के संकट के कारण लंबे समय से अपने घर लौटना चाह रहे थे। मालाकार ने बताया कि इनमें इंदौर के 20 विद्यार्थी शामिल हैं, जिन्हें शहर के एक होटल में बनाए गए पृथक-वास केंद्र में सात दिन के लिए ठहराया गया है।

बयान में कहा गया है, "एयरलाइन इस महीने रास अल-खैमाह, जेद्दा, दम्माम, रियाद और मस्कट से बेंगलुरू, हैदराबाद, लखनऊ, कोझीकोड, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और मुंबई के लिए 19 और उड़ानें संचालित करेगी।"

उन्होंने बताया कि रूस में फंसे 143 भारतीय नागरिकों की इस उड़ान के जरिये स्वदेश वापसी हुई है। स्थानीय हवाई अड्डे में इन यात्रियों की स्क्रीनिंग की गयी और उनके सामान को संक्रमणमुक्त किया गया।

ईरान में फंसे कुल 687 भारतीयों को लेकर भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस जलाश्व बुधवार को यहां तूतीकोरिन में वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पहुंचा। एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी।

एयर इंडिया एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार 38 उड़ानें भारत-ब्रिटेन मार्ग पर तथा 32 उड़ानें भारत-अमेरिका मार्ग पर संचालित होंगी। इसमें कहा गया है कि एयर इंडिया की 26 उड़ानें भारत और सऊदी अरब के बीच चलेंगी।

गौर करने वाली बात ये भी है कि सिर्फ विमान से ही नहीं बल्कि नौसेना के युद्ध पोतों द्वारा भी लोगों को वापस लाया गया है। मलेशिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया समेत आसपास के कई देशों से हजारों भारतीयों को नौसेना की मदद से वापस लाया गया था।

नीला मोहनन ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत गोवा पहुंची ये पहली फ्लाइट थी। लोगों ने बोर्डिंग से पहले एफिडेविट पर बाकायदा साइन किए थे कि गोवा लौटने पर उन्हें अपने खर्चे पर 14 दिन के लिए क्वॉरंटाइन होना पड़ेगा।

भारतीय प्रवासी न केवल देश के भीतर, बल्कि विदेशों में भी फंसे हुए हैं और ऐसे संकट के समय में दुबई में रह रहा एक प्रवासी भारतीय मदद के लिए आगे आया है। उसने फंसे हुए भारतीयों को मातृभूमि पर वापस भेजने के लिए विमान का खर्च उठाया है।

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