विदेश मंत्री

जयशंकर ने नाम लिए बिना कनाडा के कुछ राजनीतिक दलों पर भी निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि हमारी जो समस्याएं हैं, वो कनाडा की राजनीति के एक खास वर्ग और उससे जुड़ी नीतियों के कारण हैं। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सरकार चलाने के लिए खालिस्तान समर्थक पार्टी से हाथ मिलाए हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा मामले में पूरे सिख समुदाय को लपेटे जाने संबंधी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में सिख समुदाय के तमाम मुद्दों को सुलझाया है। उन्होंने कहा कि अभी कनाडा को लेकर जो चर्चा हो रही है, वो सभी सिखों का मसला नहीं है। ये कुछ लोगों का मामला है।

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बिना कोई सबूत दिए भारत पर आरोप लगाया था। इस मामले में भारत और कनाडा के बीच काफी तनाव है। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा की ट्रूडो सरकार पर तीखा निशाना साधा है।

S. Jaishankar: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन गुजरात के गांधीनगर सीट से दाखिल किया है। रविवार को विदेश मंत्री गुजरात पहुंचे थे। इसी दिन गुजरात इकाई के महासचिव प्रदिप वघेला ने बताया  था कि विदेश मंत्री गांधीनगर सीट से राज्यसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने यहां भारत, चीन और पाकिस्तान के संबंधों में भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने मेरे शहर पर हमला किया है, तो उसे न तो माफ किया जा सकता है और न ही उस बात को भूला जा सकता है। भारतीय उच्चायोग पर तथाकथित खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया और उस दौरान सुरक्षा नहीं दी गई।

एरिक गारसेटी जो बाइडेन के करीबी होने के साथ ही उनकी तमाम नीतियों को लागू कराने में अहम भूमिका अदा करते रहे हैं। एरिक गारसेटी पहले लॉस एंजेल्स के मेयर भी रह चुके हैं। उन्होंने 2021 में अमेरिकी संसद के सीनेट में कहा था कि अगर वो भारत में अमेरिका के राजदूत बने, तो सीएए के संबंध में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगे।

जयशंकर ने लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी के बयान पर कहा कि मुझे दुख पहुंचा, जब राहुल गांधी ने वहां अपने बयान में चीन की तारीफ की। उसे शांति के लिए काम करने वाला देश बताया। जयशंकर ने ये भी कहा कि भारत का नागरिक होने के नाते विदेश में राहुल गांधी के बयानों पर चिंता भी होती है।

जयशंकर ने बिना नाम लिए 1962 में चीन से हुए युद्ध और उसमें भारत की पराजय का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जवानों को एलएसी पर पूरी तैयारी के साथ भेजा है। जबकि, पहले जवानों को बिना तैयारी के भेजा गया और उसका नतीजा हम देख चुके हैं। बता दें कि 1962 के जंग में भारत को चीन ने हरा दिया था।

जयशंकर ने राहुल के साथ ही चीन के मसले पर निशाना साध रहे विपक्षी दलों को भी घेरा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि विपक्ष वाले किसी बात को ऐसे दिखाते हैं, जैसे ये कल या परसों हुई है। उन्होंने कहा कि वो लोगों को गुमराह क्यों कर रहे हैं, क्यों गलत खबर फैला रहे हैं इसका जवाब मैं नहीं दे सकता।

S. Jaishankar: गत बुधवार की ही बात है, जब केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने चीन को जमकर फटकार लगाई थी। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब विदेश मंत्री ने चीन को ऐसी फटकार लगाई हो, बल्कि इससे पहले भी कई बार उसे फटकार लगाई जा चुकी है, लेकिन गत बुधवार को चीन को आतंकवाद के मसले को लेकर भारत की नुमाइंदी करते हुए विदेश मंत्री ने ड्रैगन को जमकर खरी खोटी सुनाई।