विधानसभा चुनाव 2023

Rahul-Priyanka Gandhi Jolted: इससे पहले भी कमलनाथ और मध्यप्रदेश की पूरी कांग्रेस के साथ पार्टी के आलाकमान को 2020 में तब झटका लगा था, जब 22 विधायकों ने हाथ का साथ छोड़ कमल का निशान थाम लिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद उनके समर्थक विधायक भी कांग्रेस छोड़कर चले गए थे।

मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा के लिए हुए चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। राजस्थान में 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुए हैं। छत्तीसगढ़ में 90 और तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटों के लिए लोगों ने वोट डाले थे। इनकी गिनती आज होगी।

Bharat Jodo Yatra: सियासी विश्लेषकों की मानें, तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस को सियासी मोर्चे पर मजबूत करने का काम किया है। शायद यह इसी मजबूती का नतीजा है कि कांग्रेस ने कर्नाटक में चुनाव जीत का परचम फहराया था।

Rajasthan Assembly Elections 2023: गौरतलब है कि सचिन पायलट खुद टोंक सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर आगामी चुनाव लड़ेंगे. वह पहले ही इस सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं. इसके विपरीत, भाजपा ने अपनी तीसरी सूची में टोंक के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा की, जिसमें पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता को चुना गया, जो पहले 2013 के चुनावों में टोंक से जीते थे।

Telangana Assembly Elections 2023: टी. राजा सिंह वर्तमान में तेलंगाना में भाजपा के एकमात्र विधायक हैं। हैदराबाद के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले, असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की मजबूत उपस्थिति वाला क्षेत्र, पार्टी उन्हें अलग-थलग न करने को लेकर सावधान थी।

Assembly Elections 2023: मैंने पहले भी कहा है, 'जोगी कांग्रेस' छत्तीसगढ़ के लोगों की, छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा बनाई गई क्षेत्रीय पार्टी है। हमारे यहां 'दिल्ली' नही 'दिल' से निर्णय लिये जाते हैं और हमारा दिल बहुत बड़ा है क्योंकि छत्तीसगढ़िया हमारे साथ खड़ा है।"

Election 2023: राजस्थान के लिए सीनियर ऑब्जर्वर मधुसूदन मिस्त्री को बनाया गया है। वहीं शशिकांत सेंथिल को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के लिए सीनियर ऑब्जर्वर रणदीप सिंह सुरजेवाला और ऑब्जर्वर चंद्रकांत हंडोरे को नियुक्त किया गया है।

इससे पहले ये चर्चा होती रहती थी कि भूपेश बघेल और सिंहदेव के बीच ढाई-ढाई साल तक सीएम पद के बंटवारे की बात थी। हालांकि, सिंहदेव ने इसका न तो खंडन किया और न ही कभी पुष्टि की। अब कांग्रेस ने उनको भूपेश बघेल का डिप्टी बना दिया है, लेकिन दो बड़ी वजहों की वजह से ये फैसला किया गया है।

Rajasthan Congress: खुलकर उन्होंने अपनी ही सकार के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ और मंत्रियों और पार्टी विधायकों पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि उनकी वजह से जयपुर में बड़े स्तर पर विकास कार्य संभव नहीं हो सके। शांति धारीवाल का कहना था कि मंत्रियों औऱ विधायकों में जारी अनबन के चलते विकास कार्यों पर फोकस नहीं किया गया। लेकिन जैसे ही उनका ये बयान सामने आया खाद्य मंत्री ने उन्हें उनके इस बयान को कांग्रेस विरोधी बताते हुए कहा कि शांति धारीवाल को इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। इसके आलावा उन्होंने उलटे शांति धारीवाल पर भी कई गंभीर आरोप जड़ दिए थे। जिसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है।

Rajasthan: गहलोत सरकार का ये फैसला विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों और अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। तो वहीं, कांग्रेस को भी इस फैसले का फायदा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में हो सकता है।