सचिन पायलट

Congress: रणदीप सुरजेवाला को कर्नाटक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी ने उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही जयराम रमेश ने कांग्रेस को संचार विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। उधर, महासचिव पद की जिम्मेदारी पहले की ही तरह वेणुगोपाल के कांधों पर ही रहेगी। इसके अलावा पार्टी ने कोषाध्यक्ष का प्रभारी अजय माकन को ही सौंपा है।

लोकेश शर्मा ने पिछले दिनों ही अशोक गहलोत को राजस्थान में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार ठहराने वाली बात एक्स पर एक पोस्ट में लिखी थी। लोकेश शर्मा ने लिखा था कि राजनीतिक स्थिति के बारे में अशोक गहलोत को जानकारी भी दी थी, लेकिन अशोक गहलोत ने कांग्रेस की जीत के लिए कोई कदम नहीं उठाए।

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के साथ कल यानी 3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आने वाले हैं। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को वोटिंग हुई थी। राजस्थान के चुनाव नतीजे आने से पहले राज्य में सियासत तेज हो गई है।

राजस्थान विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए आज वोटिंग है। वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक होगी। करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन की वजह से यहां बाद में फिर से उम्मीदवार परचा भरेंगे और फिर वोटिंग होगी। यहां जानिए वोटिंग से जुड़ी ताजा खबरें।

राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे। चुनाव प्रचार कल यानी 23 नवंबर की शाम 5 बजे से थम जाएगा। इससे ठीक पहले कांग्रेस के उम्मीदवार और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का एक बयान आया है। गहलोत के इस बयान का बहुत खास मतलब है।

Rajasthan Assembly Elections 2023: गौरतलब है कि सचिन पायलट खुद टोंक सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर आगामी चुनाव लड़ेंगे. वह पहले ही इस सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं. इसके विपरीत, भाजपा ने अपनी तीसरी सूची में टोंक के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा की, जिसमें पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता को चुना गया, जो पहले 2013 के चुनावों में टोंक से जीते थे।

Jyoti khandelwal Joins BJP: आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, सचिन पायलट की करीबी व दिग्गज नेता ज्योति खंडेलवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। साल 2019 में कांग्रेस ने उन्हें जयपुर की लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

Rajasthan Assembly Elections: मीडिया से बात करते हुए लोकेश शर्मा ने कहा, हमेशा ही मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में क्यों देखा जाता है। मुझे कांग्रेस ने सेंट्रल टीम का पीसीसी वॉर रूम का उपाध्यक्ष भी बना रखा है..आगे चुनाव है हमें चुनाव में एकजुट होकर जाना है.. उसमें क्या-क्या चीजें हो सकती है..उन सभी पर बातचीत करने सचिन पायलट के पास आया हूं.. वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है उनकी सलाह का जो मार्गदर्शन है उसी से आगे बढ़ेंगे सभी लोग मिलकर। 

अशोक गहलोत के बयानों से साफ है कि अगर कांग्रेस 30 साल का इतिहास बदलते हुए राजस्थान में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब हो भी गई, तो सचिन का सीएम बनना काफी टेढ़ी खीर होगा। गहलोत के बयान से साफ है कि कांग्रेस सरकार बनने पर वो सचिन पायलट को हर हाल में सीएम बनने से रोकेंगे!

Sachin Pilot: सचिन पायलट, जो पहले से ही राजस्थान की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति हैं, प्रादेशिक सेना के भीतर पदोन्नति अर्जित करने का प्रयास करके अपनी प्रोफ़ाइल में एक और आयाम जोड़ रहे हैं। मेजर रैंक के लिए पार्ट-बी प्रमोशन परीक्षा देने का उनका निर्णय सेना और उनके राजनीतिक करियर दोनों के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को दिखाता है।