समाजवादी पार्टी का नेता

उन्होंने आगे कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन जब धर्म के नाम पर किसी विशेष जाति को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है, तो मैं उस पर आपत्ति दर्ज कराता हूं। सपा नेता ने आगे कहा कि करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते हैं।

हालांकि, विधिक विशेषज्ञों की मानें तो उन्हें तीन साल की सजा और जुर्माना देना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर उन्हें तीन सालों तक की सजा होती है, तो वो विधायकी के चुनाव लड़ने से महरूम हो जाएंगे और उन्हें राजनीति से रूखसत होना पड़ेगा। वहीं, आजम के आलोचकों का कहना है कि आजम खान  लंबे समय तक अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं और कानून के हाथों में लेने से भी उन्होंने कोई गुरेज नहीं किया है, जिसके बाद अब उन्हें कोर्ट ने दोषी करार दिया है।