सीएए

CAA In Supreme Court: सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आने वालों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। ऐसे जो भी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए, उनको सीएए के तहत नागरिकता देने की बात है।

Lok Sabha Election: इन 8 मुद्दों में से कुछ कांग्रेस नीत विपक्ष के गठबंधन की तरफ से उठाए जा रहे हैं। वहीं, कुछ मुद्दों को उठाकर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है। अब सबकी नजर इस पर है कि जनता को किसके मुद्दे लुभाते हैं।

Amit Shah Interview: अमित शाह ने निशाना साधा और पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। विपक्ष ने ये भी कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइख और एयर स्ट्राइक करने से बीजेपी को राजनीतिक फायदा है। अमित शाह ने पलटकर पूछा कि क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?

Could States Hinder CAA?: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और केरल के सीएम पिनरई विजयन ने एलान किया है कि वे अपने राज्य में सीएए को लागू नहीं होने देंगे। केरल की वाममोर्चा सरकार ने तो सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव भी पास कराया था।

CAA Implemented: केंद्र ने करीब 5 साल बाद आखिरकार सीएए को लागू कर दिया। सीएए यानी संशोधित नागरिकता कानून। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय को नागरिकता मिल सकेगी।

How To Get Citizenship Through CAA: सीएए को पूरे देश में लागू किया गया है, लेकिन कुछ खास क्षेत्रों और इनर लाइन परमिट वाले राज्यों में सीएए लागू नहीं होगा। इनर लाइन परमिट वाले ज्यादातर राज्य पूर्वोत्तर में हैं और यहां कई इलाकों में जाने के लिए भारत के दूसरे राज्यों के लोगों को भी परमिट लेना होता है।

CAA To Be Implemented: सीएए को पहले 2016 में लोकसभा ने पास किया था, लेकिन राज्यसभा में इससे संबंधित बिल पास नहीं हो सका था। फिर 2019 के दिसंबर में मोदी सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में बिल पेश कर उसे पास कराया। अब इसे लागू करने की दिशा में मोदी सरकार तत्पर हुई है।

Amit Shah On CAA: अमित शाह ने कहा कि ये किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। अमित शाह ने कहा कि सीएए उन लोगों के लिए है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं।

ठाकुरनगर में बांग्लादेश छोड़कर आए हिंदू मतुआ समुदाय के लोग रहते हैं। उन्हीं के बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा कि 30 मार्च तक सीएए का मसौदा यानी नियम कायदे तैयार होने की उम्मीद है। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा। इसी पर टीएमसी भड़क गई है।

एरिक गारसेटी जो बाइडेन के करीबी होने के साथ ही उनकी तमाम नीतियों को लागू कराने में अहम भूमिका अदा करते रहे हैं। एरिक गारसेटी पहले लॉस एंजेल्स के मेयर भी रह चुके हैं। उन्होंने 2021 में अमेरिकी संसद के सीनेट में कहा था कि अगर वो भारत में अमेरिका के राजदूत बने, तो सीएए के संबंध में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगे।