सुभासपा

BJP IN UP: बीजेपी इस बार के लोकसभा चुनाव में बड़ा आंकड़ा हासिल करने के लिए तमाम रणनीति बना रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए 370 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य भी तय कर दिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे अहम यूपी है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं।

विधानसभा के उपचुनाव में यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी घोसी सीट हार गई। बीजेपी से सपा में जाकर फिर बीजेपी में आए दारा सिंह चौहान ने घोसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने उन्हें धूल चटा दी। यूपी की घोसी सीट पर हुआ ये चुनाव कई तरह के मायने भी सामने लेकर आया है।

मुख्तार के बेटे अब्बास के सुभासपा विधायक होने की वजह से बीजेपी के साथ आने को लेकर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। कई लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर माफिया मुख्तार के बेटे को बीजेपी अपने साथ कैसे ले सकती है? इन सवालों पर बीजेपी की तरफ से खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

ओमप्रकाश राजभर 2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ थे। वो योगी सरकार में मंत्री भी थे। जातिगत जनगणना जैसे कुछ मुद्दों पर उनका बीजेपी से मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए का दामन छोड़ दिया था। फिर वो अखिलेश यादव के साथ चले गए थे।

Om Prakash Rajbhar: ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश और मायावती दोनों को आड़े हाथों लेते हुए दोनों को दलितों और पिछड़ी जातियों का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। राजभर शुक्रवार के दिन गाजीपुर के दौरे पर गए हुए थे, जहाँ उन्होंने 2000 के नोट के आलावा 500 और 200 के नोट पर भी पाबंदी लगाने की बात तंज कसते हुए कही। ओमप्रकाश राजभर ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार को देश में सिर्फ 100 का नोट ही रखना चाहिए। ऐसा होने से भ्रष्टाचार में कमी आएगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, अगर किसी अधिकारी ने दस लाख रूपये की घूस मांगी हो और 100-100 का नोट ही चलन में होगा तो वो इतने भ्रष्टाचार के पैसे को क्या बोरे में भरकर ले जाएगा।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ राजभर ने तमाम जनसभाएं की थीं। चुनाव नतीजे आने के बाद बीजेपी ने यूपी में दोबारा सत्ता हासिल कर ली। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश से नाता तोड़ लिया। राजभर इसके बाद लगातार पानी पी-पीकर अखिलेश यादव को कोसते दिखाई दिए। अब वो फिर अखिलेश संग जाने को तैयार हैं।

साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से गलबहियां करने लगे, लेकिन बीजेपी की दोबारा यूपी में जीत के बाद राजभर की अखिलेश से भी ठन गई। अब एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर बीजेपी की तारीफ में कसीदे काढ़ रहे हैं।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के चीफ और यूपी के विधायक ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर बीजेपी के करीब आते दिख रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका भगवा पार्टी से फिर गठबंधन हो जाएगा। इस कयास पर खुद ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को मीडिया के सामने बयान दिया।

राजभर ने योगी पर पिछड़ी जाति के विरोधी होने का आरोप लगाकर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। उसके बाद वो लगातार योगी के खिलाफ बयान देते रहे। इस साल यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव के साथ थे। तब उन्होंने ये तक कहा था कि बीजेपी को पाताल में पहुंचा देंगे।

Rajbhar gave this statement about PM candidate :यही नहीं, बीते दिनों में अखिलेश यादव खुद ओम प्रकाश राजभर संग अपने रिश्तों को लेकर अपनी रात रख चुके हैं। हालांकि, आज जब राजभर से मीडिया द्वारा अखिलेश यादव संग उनके रिश्तों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके रिश्ते सपा प्रमुख के साथ बिल्कुल मधुर है।