हिजबुल मुजाहिदीन

Hizbul Mujahideen Terrorist: जावेद हिजुबल का सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहने वाला आतंकवादी है। इतना ही नहीं, उसकी अतिशीघ्र की गिरफ्तारी के लिए उस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। मट्टू पिछले कई वर्षों से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में रहकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहा था। जिसे ध्यान में रखते हुए उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

Jammu-Kashmir: रईस मट्टू ने मीडिया से बात करते हुए बताया, घर पर तिरंगा अपने दिल से अपनी मर्जी से लहराया। किसी का कोई प्रेशर नहीं। घाटी में विकास हो रहा है। पहली बार 14 अगस्त को अकेले दुकान पर बैठा हूं। यह 2-3 दिनों के लिए बंद रहता था। पिछले राजनीतिक दल खेल खेल रहे थे हम गरीब लोग इसमें पीस रहे थे।

कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के कराची में ही हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रहे बशीर पीर की अज्ञात लोगों ने एक दुकान के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। उससे पहले पिछले साल एक और आतंकी सरगना को भी पाकिस्तान में मार डाला गया था। माना जा रहा है कि आतंकी गुटों के बीच गैंगवार इन हत्याओं के पीछे की वजह है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री जतिंदर सिंह उर्फ बाबू सिंह ने हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर, पीओके और बाल्टिस्तान को अलग मुल्क बनाने की साजिश रची थी। ये आरोप जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में लगाया है। बाबू सिंह के खिलाफ कोर्ट में एसआईए ने साजिश के पुख्ता सबूत भी सौंपे हैं।

खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि यह संगठन फिर से सक्रिय हो रहा है और उसने घाटी में 10 दिनों के अंदर कई आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाई है।

टीआरएफ ने कहा कि कुछ दिन पहले हमने हिजबुल को चेतावनी दी थी कि कश्मीरी पुलिस वालों और सिविलियंस को मारना बंद करें। उन्होंने फिर एक जम्मू-कश्मीर पुलिस वाले को किडनैप किया। टीआरएफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि हिजबुल को यह समझना चाहिए कि हमारी लड़ाई सेना से है न कि कश्मीरियों से। हम इन लोगों के सपॉर्ट के बिना सेना से नहीं लड़ सकते।