AJL

ईडी ने एजेएल की जो संपत्तियां जब्त की हैं, उनमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के प्राइम लोकेशन की संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों से साल 2008 तक एजेएल ने कांग्रेस के मुखपत्र के तौर पर पहचाने जाने वाले नेशनल हेराल्ड को छापा था। इसके बाद अखबार बंद हो गया। ईडी का आरोप है कि इसके बाद ही गांधी परिवार ने खेल किया।

नेशनल हेराल्ड चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AJL ने कांग्रेस से कर्ज लिया था। बाद में गांधी परिवार की कंपनी वाईआईएल को 50 लाख रुपए में टेकओवर कर लिया। इसके तहत वाईआईएल को तमाम शहरों के प्राइम लोकेशन में एजेएल की संपत्तियां भी मिल गईं। इन संपत्तियों की कीमत सैकड़ों करोड़ रुपए की हैं।

सोनिया और राहुल गांधी ने ईडी को पूछताछ में बताया था कि कोलकाता की डोटेक्स कंपनी से 1 करोड़ रुपए मिलने और उसमें से 50 लाख रुपए एसोसिएटेड जर्नल्स AJL को देकर सारे शेयर लेने के काम को पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष और अब दिवंगत मोतीलाल वोरा ने किया। हालांकि, इस बारे में दोनों ही कोई सबूत नहीं दे सके।

सारा मामला नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AJL और यंग इंडियन लिमिटेड YIL का है। एजेएल को कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। कर्ज न चुकाने पर वाईआईएल ने महज 50 लाख देकर एजेएल के सारे शेयर ले लिए थे। इसके साथ ही देशभर में एजेएल की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति भी वाईआईएल की हो गई।

सोमवार शाम को कांग्रेस मुख्यालय में तमाम नेता जुटे। उन्होंने आंदोलन का खाका खींचने के लिए लंबी बैठक की। बैठक के बाद पार्टी महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ हम महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हमें मंजूरी नहीं दी।

राहुल गांधी से पहले करीब 2 घंटे पूछताछ हुई थी। बीच में लंच ब्रेक के बाद देर रात तक उनसे पूछताछ होती रही। ईडी के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में शक की काफी गुंजाइश है। राहुल से हर सवाल पर लिखित जवाब लिया जा रहा है। जवाब देने पर उस कागज में उन्हें साइन भी करने पड़ रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ED ने पूछताछ के लिए बुलाया है। आइए हम आज आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला आखिर है क्या और सोनिया और राहुल गांधी को इस मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना क्यों करना पड़ रहा है।