Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad

JNU Clash: यह विवाद तब सामने आया जब कार्यकारी परिषद के सदस्यों और संयुक्त सचिव का चुनाव हुआ और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर देर रात निर्वाचित सदस्यों में से एक दानिश को हिरासत में ले लिया।

पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील जी आम्बेकर का कहना था की हर युवा को अपने छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बेनर तले निकलना चाहिए। जिससे की वह देश के विकास में अपनी भूमिका को एक सकारात्मक दिशा में लगा सकें और आज विद्यार्थी परिषद के बैनर तले निकले कहीं कार्यकर्ता हुए जिनमें गिरीश कुलकर्णी, अशोक भगत, डॉ. प्रसाद देवधर,जमशेद खान, इम्तियाज अली, मनोज सिन्हा, सतीश मराठे ऐसे और भी कहीं कार्यकर्ता  हैं।

एबीवीपी ने कहा है कि मौजूदा चिकित्सा आवश्यकताओं के अनुरूप देश के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र को उन्नत करने की दिशा में शीघ्रता से प्रयास करने की जरूरत है। एबीवीपी की मांग है कि मेडिकल शिक्षा क्षेत्र की सीटों की बढ़ोतरी और बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में पारदर्शिता तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य सरकार शीघ्रता से करे।

अभाविप के जयपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में विस्तृत चर्चा के बाद यह स्पष्ट मत दिया गया था कि विभिन्न क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों की पुस्तकें भारतीय भाषाओं में आनी चाहिए, जिससे भाषाई बाधा के कारण छात्रों के ज्ञानार्जन की समस्याएं दूर हो सकें।

ABVP: अभाविप (ABVP) की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी (Nidhi Tripathi) ने कहा, "देश में नवाचार तथा शोध संस्कृति के विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रयास हो रहे हैं। समाज तथा विज्ञान के अन्त: संबंध को और मजबूती देकर भारत के राष्ट्र पुननिर्माण की दिशा में और शीघ्रता से कदम बढ़ाएं जा सकते हैं। केन्द्र तथा राज्य सरकारों को शिक्षा क्षेत्र में नवाचार तथा शोध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अभाविप निरंतर अलग-अलग माध्यमों से संबोधित कर रही है। अभाविप आशा करती है कि व्यापक संवाद के उपरांत प्रस्तावित विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति के बारे में सरकार को जो सुझाव दिए गए हैं, उस पर गंभीरता से विचार करते हैं उन सुझावों को नीति में शामिल किया जाएगा।"

ABVP: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती युवा पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र व छात्राओं को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी (Nidhi Tripathi) ने संगम विहार दिल्ली में शनिवार आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित एवं पुरस्कृत किया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (All India Student Council) ने बढ़ती ठंड के बीच दिल्ली में आजादपुर, राजौरी गार्डन, जगतपुर चौक, सिग्नेचर ब्रिज शरणार्थी शिविर आदि स्थानों पर स्थित झुग्गियों तथा सड़क पर दिखे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बीच गर्म कपड़े तथा कंबल आदि वितरित किए।

1969 में जेएनयू (JNU) की स्थापना कांग्रेस (Congress) और वामपंथ (leftist) के दुरभिसंधि काल में हुई थी। दोनों के बीच परस्पर अलगाव, अविश्वास, षड्यंत्र और संघर्ष का दौर समाप्त हो चुका था। कांग्रेस और वामपंथ में एक अघोषित और अलिखित परस्पर फायदे का समझौता हो चुका था। यह तय हुआ था कि केन्द्रीय सत्ता और राजनीति कांग्रेस के हाथ में होगी और कला, संस्कृति और बौद्धिक संस्थाओं से जुड़े सत्ता के केन्द्रों के सुविधाभोगी नियंता वामपंथी होंगे। सांस्कृतिक केंद्र वामपंथ की पाठशाला, कार्यशाला और प्रयोगशाला बन गए।

ABVP: अभाविप (ABVP) राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुए अभाविप का 66 वां राष्ट्रीय अधिवेशन विभिन्न कारणों से अभूतपूर्व रहा है, 2907 स्थानों पर एक लाख से अधिक गांव, क़स्बों तथा महानगरों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने प्रत्यक्ष एवं आभासी माध्यमों से अधिवेशन में सहभागिता की।

ABVP: अभाविप (ABVP) दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अभिषेक टंडन ने कहा, हमने अधिवेशन के जरिए प्रत्येक वर्ष होने वाले संवाद को इस वर्ष भी तकनीकी माध्यम से जारी रखा है। आज अधिवेशन में दिल्ली से सैकड़ों छात्रों ने आभासी माध्यमों से सहभागिता कर शिक्षा, वर्तमान की परिस्थितियों पर सार्थक संवाद किया।