कुल मिलाकर पीएफआई के बैन के बाद जहां सरकार के मंत्री और बीजेपी के नेता स्वागत कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष के नेता इस बैन को गलत देख रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में पीएफआई बैन पर सियासत और गरमाने के आसार हैं। इस साल के अंत से लेकर अगले साल कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी हैं। ऐसे में ये मुद्दा और गरमा सकता है।
शफीकुर्रहमान बर्क अपने सांप्रदायिक बयानों के लिए पहचाने जाते हैं। पीएफआई पर जब 22 सितंबर को बड़े पैमाने पर छापे पड़े थे, तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था। बर्क ने इससे पहले भी तमाम विवादित बयान दिए हैं। बर्क ऐसे सांसद हैं, जो लोकसभा में वंदे मातरम के गायन के वक्त उठकर चले गए थे। इस वजह से भी वो विवादों में घिरे थे।