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Sharmishtha Mukherjee: उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जब प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में भाग लिया था, जिससे शर्मिष्ठा को शुरुआती नाराजगी हुई थी। हालाँकि, उन्होंने लोकतंत्र में संवाद के महत्व को समझाया, अपनी विचारधारा को व्यक्त करने के लिए आरएसएस के मंच का उपयोग किया, नेहरू के सिद्धांतों का संदर्भ दिया और धर्मनिरपेक्षता की वकालत की।

India-Pakistan Relation: एक महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए अजय बिसारिया ने साझा किया कि पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त, सोहेल महमूद ने 27 फरवरी को देर रात फोन किया, जिसमें पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की इच्छा व्यक्त की गई।

Book Launch: ये पुस्तक आपको राम नाम के प्रभाव के बारे में बताएगी और आपको स्पष्ट हो जाएगा कि आज भी सनातन धर्म के अनुयायी के लिए अंतिम शब्द 'राम नाम सत्य है' क्यों कहे जाते हैं?

उन्होंने आगे कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन जब धर्म के नाम पर किसी विशेष जाति को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है, तो मैं उस पर आपत्ति दर्ज कराता हूं। सपा नेता ने आगे कहा कि करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते हैं।

श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब से पूछताछ का सिलसिला जारी है। बीते दिनों पूछताछ में उसने चाइनीज चॉपर से श्रद्धा की मौत के घाट उतारने की बात की स्वीकारी थी। आरोपी का पॉलीग्राफ के साथ नार्को टेस्ट भी किया जा चुका है, जिसमें आरोपी ने कई बड़े खुलासे किए हैं।

Kubbra Sait: वन नाईट स्टैंड किया और हों गयी प्रेगनेंट, अभिनेत्री कुब्रा सैत ने किया अपनी जिंदगी के कई अनसुने पहलुओं का खुलासा कुब्रा बताती हैं की वो उस उम्र के पड़ाव में माँ बनने के लिए तैयार नही थीं और वो अभी भी इसके बारे में नही सोच रहीं हैं।

Pulitzer Prize 2022: बमबारी, अपहरण, कब्जे और यहां तक ​​कि पत्रकारों की मौत होने के बावजूद वो इस भयानक मंजर की वास्तविक और सटीक तस्वीरें प्रदान करने की कोशिशों लगे हुए हैं। एक अखबार के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अब तक कुल सात पत्रकारों की मौत हो चुकी है

World Book Day 2022: इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में किताबों के प्रति रुचि जागृत करना है। किताबें, जो हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा हैं, तकनीकि के क्षेत्र में विस्तार होने की वजह से आजकल के अधिकतर युवाओं ने किताबों से दूरी बना ली है।

जैसे छांव कूदती है न, ठीक ऐसे ही खयाल कूदते हैं जेहन में, छम से। गुलजार साहब उन खयालों को बटोरकर कागज पर रख देते हैं और नज्म बन जाती है। गुलजार साहब कहते हैं- “मैं अपनी पहचान चाहता था, अपना मुकाम चाहता था, और लिखने से बेहतर मुझे कोई काम नहीं लगता था।”

Importance of Books : विश्व की सभी सभ्यताओं में पुस्तकों का आदर (Respect Books) किया जाता है। पुस्तकों (Books) में वर्णित जानकारियां लेखक के कौशल से सार्वजनिक होती हैं। शब्द स्वयं में सार्वजनिक संपदा है।

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