Project Cheetah: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार की सुबह वन अधिकारियों ने चीतों के हावभाव देखकर इस बात का अवलोकन किया कि वो बीमार हैं। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए लाया गया। लेकिन शाम करीब 4 बजे उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं, कल सभी मृत चीतों का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका से चीते लाने के लिए भारत से समझौता साल 2021 में हुआ था। इस समझौते के तहत अगले 10 साल तक हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे। भारत में आखिरी एशियाई चीता 1948 में मारा गया था। तभी से भारत में फिर से चीतों को बसाने की कोशिश चल रही थी।
Kuno: बता दें कि 17 सितंबर को नामीबिया से देश में 8 चीतों को लाया गया था। जिन्हें बीते काफी समय से छोटे से बड़े बाड़ों में शिफ्ट करने का काम किया जा रहा है। इससे पहले बड़े बाड़ो में 5 तेंदुए घुसे थे।
बड़े बाड़े में छोड़े गए तीनों चीते नर हैं। अब छोटे बाड़ों में 5 मादा चीता रह गई हैं। ये सभी जरूरी क्वारेंटीन के बाद बड़े बाड़े में छोड़ी जाएंगी। जिन दो चीतों को पहले बड़े बाड़े में छोड़ा गया था, वे भाई हैं। तीसरा चीता इन दोनों से कैसा सामंजस्य बिठा रहा है, इस पर भी कूनो नेशनल पार्क के अफसरों की नजर बनी हुई है।
अभी और चीते भी कूनो नेशनल पार्क में लाकर छोड़े जाएंगे। ये चीते नामीबिया के अलावा साउथ अफ्रीका से लाए जाने हैं। कुल 50 चीतों को कूनो लाकर बसाने की योजना है। यहां की एक मादा चीता आशा के गर्भवती होने के भी आसार हैं। अगले कुछ हफ्ते में इसकी पुष्टि हो जाएगी। अभी किसी को भी उनके पास जाने की इजाजत नहीं है।
चीता कंजरवेशन फंड CCF की लॉरी मार्कर ने बताया कि आशा पहले नामीबिया के जंगल में थी। वहां उसके गर्भवती होने की संभावना है। वो पहली बार शावकों को जन्म देगी। उसे अब शांति वाला माहौल चाहिए होगा। आशा के लिए एक रहने की जगह भी उसके बाड़े में बनाकर देनी होगी। उसके शावकों को बचाना काफी जद्दोजहद वाला काम होगा।
कूनो में जो चीते लाए गए हैं, उनमें से एक का नाम पीएम नरेंद्र मोदी ने आशा रखा है। इस दस्ते में 5 चीते मादा और 3 नर हैं। इसके बाद अभी दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए जाने हैं। इसके बाद अगले 5 साल तक 30 और चीते लाए जाएंगे। प्रजनन के बाद इनकी संख्या 500 तक पहुंचने के बाद चीतों को देश के अलग-अलग अभयारण्यों में रखा जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर चीतों को भारत में फिर से बसाने का कार्यक्रम शुरू हो रहा है। मोदी वन्यजीव को बहुत पसंद करते हैं। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उन्होंने तमाम कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उनकी सरकार के दौरान पर्यावरण और पेड़-पौधों को बचाने के लिए ऐसे काम हुए हैं, जिससे देश में अब हरियाली दिखने लगी है।
चीता भी शेर, बाघ और तेंदुए की तरह बिल्ली प्रजाति का जानवर है। 1 मिनट के लिए ये 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। पूरे जिस्म पर चित्तियां होने की वजह से इसका नाम चीता पड़ा है। चीता अपनी रफ्तार से हिरण जैसे तेज दौड़ने वाले जानवरों का शिकार आसानी से कर लेता है।
74 साल बाद चीतों की रफ्तार फिर देश में दिखेगी। सुदूर नामीबिया से 8 चीते लाए जा रहे हैं। इनको पीएम मोदी मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए बाड़ों में छोड़ने वाले हैं। साल 1948 तक देश में चीते थे। फिर एक राजा ने आखिरी बचे 3 चीतों का शिकार कर लिया।