गांव के लोगों का ये भी कहना है कि बच्चे के कान में बीमारी थी। उसके कान से मवाद बहता था और इस बीमारी का घरवाले इलाज भी करा रहे थे। ग्रामीण ये भी कह रहे हैं कि इंद्र की मौत का उन्हें दुख है, लेकिन न तो सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल और न ही गांव में कभी जाति के नाम पर किसी से भेदभाव किया गया।