राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुत चालाकी से कैंपेनिंग की। वह वाम या दक्षिण की राजनीति की जगह मध्यमार्गी बनने की कोशिश करते रहे।
दिल्ली चुनाव को लेकर एक आम आदमी ने अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि, जो शख्स अन्ना हजारे का नहीं हुआ वो किसी और का क्या होगा।