External Affairs Minister

विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा मामले में पूरे सिख समुदाय को लपेटे जाने संबंधी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में सिख समुदाय के तमाम मुद्दों को सुलझाया है। उन्होंने कहा कि अभी कनाडा को लेकर जो चर्चा हो रही है, वो सभी सिखों का मसला नहीं है। ये कुछ लोगों का मामला है।

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बिना कोई सबूत दिए भारत पर आरोप लगाया था। इस मामले में भारत और कनाडा के बीच काफी तनाव है। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा की ट्रूडो सरकार पर तीखा निशाना साधा है।

Rajyasabha Un-Opposed Elections: इन चुनावों के नतीजों के साथ, भाजपा ने राज्यसभा में अपनी उपस्थिति और मजबूत कर ली है, एक अतिरिक्त सीट हासिल कर ली है और उच्च सदन में उनकी कुल संख्या 93 हो गई है। डेरेक ओ'ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय और डोला सेन सहित टीएमसी उम्मीदवारों की सफलता ने राज्यसभा में पार्टी के प्रतिनिधित्व को मजबूत किया है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने यहां भारत, चीन और पाकिस्तान के संबंधों में भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने मेरे शहर पर हमला किया है, तो उसे न तो माफ किया जा सकता है और न ही उस बात को भूला जा सकता है। भारतीय उच्चायोग पर तथाकथित खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया और उस दौरान सुरक्षा नहीं दी गई।

जयशंकर ने बिना नाम लिए 1962 में चीन से हुए युद्ध और उसमें भारत की पराजय का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जवानों को एलएसी पर पूरी तैयारी के साथ भेजा है। जबकि, पहले जवानों को बिना तैयारी के भेजा गया और उसका नतीजा हम देख चुके हैं। बता दें कि 1962 के जंग में भारत को चीन ने हरा दिया था।

जयशंकर ने राहुल के साथ ही चीन के मसले पर निशाना साध रहे विपक्षी दलों को भी घेरा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि विपक्ष वाले किसी बात को ऐसे दिखाते हैं, जैसे ये कल या परसों हुई है। उन्होंने कहा कि वो लोगों को गुमराह क्यों कर रहे हैं, क्यों गलत खबर फैला रहे हैं इसका जवाब मैं नहीं दे सकता।

S. Jaishankar: गत बुधवार की ही बात है, जब केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने चीन को जमकर फटकार लगाई थी। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब विदेश मंत्री ने चीन को ऐसी फटकार लगाई हो, बल्कि इससे पहले भी कई बार उसे फटकार लगाई जा चुकी है, लेकिन गत बुधवार को चीन को आतंकवाद के मसले को लेकर भारत की नुमाइंदी करते हुए विदेश मंत्री ने ड्रैगन को जमकर खरी खोटी सुनाई।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को आतंकवाद के मसले पर चीन और उसके दोस्त पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नई दिशा संबंधित विषय पर उन्होंने बोलते हुए चीन और पाक को घेरा।

जयशंकर ने इससे पहले विदेश में कई बार यूरोपीय देशों को फटकार लगाई थी। दरअसल, यूक्रेन से रूस की जंग चल रही है। भारत सस्ते में रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इसी पर अमेरिका और यूरोप के देश लगातार भारत को घेर रहे थे।

जयशंकर ने इससे पहले अपने विदेश दौरे में इसी तरह के सवाल पर अमेरिका और यूरोप को जवाब दिया था। जयशंकर ने साफ कहा था कि भारत की विदेश नीति किसी की मोहताज नहीं है। उन्होंने कहा था कि भारत की मर्जी है कि वो किससे कच्चा तेल खरीदे। उन्होंने कहा था कि नागरिकों के हित का ध्यान रखना सरकार का काम है।