S Jaishankar : फिजी में इस मौके पर जयशंकर और राष्ट्रपति कटोनिवेरी ने संयुक्त रूप से एक डाक टिकट भी जारी किया। उद्घाटन सत्र में पहले फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका को मौजूद रहना था, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने बताया कि यहां संसद सत्र के चलते उनकी जगह राष्ट्रपति ने उद्घाटन सत्र में भाग लिया।
SARC foreign minister meeting: भारत (India) के विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने इस बात का भी जिक्र किया कि सार्क (SARC) के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां सीमापार से आतंकवाद, व्यापार में बाधा, कनेक्टिविटी में रुकावट हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी के इन सवालों का जवाब दिया है खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने। उन्होंने राहुल गांधी को प्वाइंट टू प्वाइट पूरी विदेश नीति समझाई है।
पोम्पियो ने कहा, 'मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस (चीन की आक्रामक गतिविधियों) के बारे में कई बार बात की है। चीन वालों ने अत्यंत आक्रामक गतिविधियां संचालित की हैं। भारतीयों ने उनका जवाब भी सर्वश्रेष्ठ तरीके से दिया है।'
राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ साउथ ब्लॉक में बैठक करने के बाद मोदी से मुलाकात की। 1975 के बाद से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ संघर्ष में भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने की यह पहली घटना है।