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New Controversy In Mathura: खबर के मुताबिक साल 1987 में मथुरा नगर पालिका के कर अधिकारी कमरुद्दीन ने अभिलेखों में छेड़छाड़ कर इस जगह को शाही बावड़ी बताया था। इससे पहले यहां का नाम ज्ञान बावड़ी था। वक्फ बोर्ड से इसे 75 नंबर की संपत्ति भी घोषित करा दिया गया था।

Gyanvapi Case: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) की ओर से विभिन्न स्थानों पर पर्चे बांटे गए हैं, जिसमें मुसलमानों से अपील की गई है कि वे शुक्रवार को इस्लामिया ग्राउंड में इकट्ठा हों और अपनी मस्जिदों, मदरसों, धर्मस्थलों और साथी मुसलमानों को लिंचिंग से बचाने के लिए कलक्ट्रेट तक मार्च करें।

Offer By Saint To Muslims On Mosques: ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे में वहां पहले प्राचीन मंदिर होने की बात कही गई है। वहां, हिंदू पक्ष प्राचीन विश्वेश्वर का मंदिर होने का दावा करता है। वहीं, एक आरटीआई के जवाब में एएसआई ने कहा है कि मथुरा में मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी।

Gyavapi Case: बताया जा रहा है कि हिंदू पक्ष की ओर से काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड पूजा कराएगा। हिंदू पक्ष ने इसे एक महत्वपूर्ण जीत बताया है और 30 साल बाद न्याय का दावा किया है। नवंबर 1993 तक यहां पूजा-प्रार्थना होती थी। इस घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आइये कुछ व्यक्तियों की प्रतिक्रियाओं पर एक नजर डालते हैं।

हिंदुओं ने काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बनी मस्जिदों का मुद्दा भी उछाला था। ऐसे में पीवी नरसिंह राव की सरकार ने संसद से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पास कराया था। इस एक्ट के दायरे में राम जन्मभूमि को छोड़कर बाकी सभी धार्मिक स्थलों को लाया गया था।

Shri Krishna Janam Bhoomi: अगर मथुरा -ईदगाह मस्जिद के बारे में विस्तार से बात करें, तो हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह के निर्माण को मस्जिद नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने 1968 के दौरान हुए समझौते को भी अवैध बताया है।

Gyanvapi ASI Survey: सर्वे दोपहर 12 बजे तक किया जाएगा, जिसके बाद परिसर को खाली कर दिया जाएगा, क्योंकि आज शुक्रवार है और जुम्मे की नमाज के लिए सर्वे को कुछ घंटों के लिए रोक दिया जाएगा।

Gyanvapi Case: खबरों के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष के वकील ने सर्वोच्च अदालत से ज्ञानवनापी केस का जिक्र करते हुए कहा कि ASI सर्वे पर रोक लगाई जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस मसले पर गौर करेंगे और जल्द आदेश देंगे।

इससे पहले बीते रविवार को स्वामी ने बीजेपी को हिदायत देते हुए कहा था कि बीजेपी सभी मस्जिदों में मंदिर ढूंढना छोड़ दे। अगर बीजेपी ऐसा करेगी तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। बता दें कि स्वामी के इस बयान पर बसपा प्रमुख मायावती ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने अपनी प्रतिक्रियात्मक बयान में कहा था कि स्वामी जब बीजेपी में थे, तब तो उन्होंने इस तरह का बयान नहीं दिया, लेकिन अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो वो लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह कोशिश सफल नहीं होगी।

Gyanvapi Masjid Case: हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ASI के अतिरिक्त निदेशक ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया कि सर्वेक्षण के दौरान संरचना को कोई क्षति नहीं होगी।