gyanvapi masjid news

Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए अंजुमन इंतजामिया ने वाराणसी जिला अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसमें गत 31 जनवरी को कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष को मिले पूजा के अधिकार पर रोक लगाने की मांग की गई थी, लेकिन आज HC ने सुनवाई के दौरान इस याचिका को सिरे से खारिज कर दिया। 

इसके साथ ही कोर्ट की ओर मुस्लिम पक्ष को अगली सुनवाई में आपत्तिपत्र दाखिल करने के लिए कहा है। उधर, एक रूल 10 के तहत कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को आगली सुनवाई तक आवेदन पत्र दाखिल करने के लिए कहा है, लेकिन मामले में सिर्फ और सिर्फ 10 लोगों के आवेदन ही सामने आए हैं।

Gyanvapi Case: PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, कोर्ट के ज्ञानवापी के फैसले पर मुझे अफसोस है क्योंकि अदालत ने अपने फैसलों को नहीं मान रही जिसमें उन्होंने 1947 के बाद सारे धार्मिक जगहों की यथास्थिति को बनाए रखने के लिए कहा था। मुफ्ती ने कोर्ट भाजपा के नरेटिव को आगे बढ़ा रही है।

Gyanvapi Mosque Video: वीडियो में भी नजर आ रहा है कि वजूखाने और नंदी के बीच में लोहे की जाली है। ज्ञात हो कि इससे पहले भी वुजूखाने का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें शिवलिंग के दिखने का दावा किया गया था। 

Gyanvapi Mosque Case: इसी बीच अब सपा नेता रुबीना का ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो कह रही है कि, आजकल जो ज्ञानवापी का मामला चल रहा है। ये मसला चारों तरफ फैला हुआ है। ज्ञानवापी मस्जिद नहीं वहां पर मंदिर था प्राचीनकाल में। इस पूरे मामले में मेरा ये कहना है कि और मैं ये मानती हूं इस मामले में कि हिंदू पक्ष जो दावा कर रहा है

Gyanvapi Masjid Case: लिहाजा अब माना जा रहा है कि दो दिन के बाद कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद देखना होगा कि कोर्ट की तरफ से क्या कुछ टिप्पणी की जाती है। वहीं, उक्त प्रकरण में अधिवक्ता विशाल की ओर से आरोप लगाया गया है कि अजय कुमार मिश्रा और  अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह कमीशन की कार्यवाही में कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने नियत तिथि तक रिपोर्ट दाखिल करने में असमर्थता जताई है।

Keshav Prasad Maurya: वहीं हिंदू पक्ष अपने दावों की विश्वनियता पर बने हुए हैं। अब इसी बीच मुख्तलिफ सियासी सूरमाओं के बयान सामने आए हैं। तो चलिए इसी बीच हम आपको उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान से अवगत कराने जा रहे हैं, जिनके बयान ने सियासी तपिश अपने चरम पर पहुंचा दी है।

TV Debate: उदित राज ने कोर्ट के फैसले को ही गलत बताया दिया और कहा कि जज को ऐसा नहीं करना चाहिए। इस तरह से पूरे देश की खुदाई हो। तिरुपति मंदिर है वो बौद्ध मंदिर हुआ करता था। उन्होंने केदरानाथ को बौद्ध स्थल बताया। कोर्ट के फैसले वो इतने नजर दिखे कि उन्होंने देश की खुदाई की बात कह डाली।

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पांच लोगों की तरफ से याचिका दाखिल की गई है। याचिका में उपरोक्त स्थल पर कालांतर में मस्जिद होने के दावे किए जाते रहे हैं। बहरहाल, अब इन दावों में कितनी सच्चाई है। यह तो फिलहाल सर्वे संपन्न होने के बाद जगजाहिर हो पाएगा।

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