जमीयत का कहना है कि बुलडोजर की कार्रवाई यूपी रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट और यूपी अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट का उल्लंघन है। इन कानून के तहत मकान को गिराने से 15 दिन पहले उसके मालिक को नोटिस देने और अपील करने के लिए 30 दिन का समय देने की बात है, लेकिन कानपुर में इसका भी पालन नहीं किया गया।
प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने बुधवार को एक बार फिर साफ तौर पर कहा कि शहर में 10 जून को जिन्होंने भी दंगा किया और लोगों की जान मुश्किल में डालने की कोशिश की, उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि प्रयागराज में पुलिस ने अब तक सैकड़ों वीडियो फुटेज देखने के बाद 92 दंगाइयों को गिरफ्तार कर लिया है।
Owaisi: इन्हीं में से एक हैं एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, जो अब अपराधियों के खिलाफ हमदर्दी जता रहे हैं। कह रहे हैं कि सरकार जो भी कर रही है, बिल्कुल गलत कर रही है। संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। ओवैसी ने प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद पंप के दोमंजिला इमारत में चले बुलडोजर की कार्रवाई को गलत बताया है। उन्होंने इसे योगी सरकार की तानाशाही करार दिया है।
शेर लिखकर यूजर का निशाना बने अखिलेश यादव को इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी जवाब देकर आईना दिखाया था। ब्रजेश पाठक ने कहा था कि यूपी में दंगाइयों का सटीक इलाज सरकार कर रही है और उनको निश्चिंत रहना चाहिए कि एक भी दंगाई को छोड़ा नहीं जाएगा।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भी हिंसा मामले में पुलिस की कार्रवाई की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान डीजीपी और अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मौजूद थे। योगी ने एक बार फिर सभी जिलों के पुलिस-प्रशासन को निर्देश दिया है कि किसी भी सूरत में दंगा करने वालों को बख्शा न जाए।
Javed Pump: इसके साथ ही जमाता उलेमा ए हिंद ने एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी व मदनी पर मुस्लिम युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया है। मुस्लिम संगठन ने साफ कर दिया है कि हम किसी भी तरह की हिंसा के पक्ष में नहीं हैं। संगठन ने कहा कि आगामी दिनों में हिंसा भड़काने वाले ओवैसी के खिलाफ फतवा जारी किया जाएगा। संगठन की तरफ से कहा गया है कि इन दोनों ही नेताओं के खिलाफ फतवा जारी किया जाए।
पुलिस ने जावेद पंप को गिरफ्तार करने के बाद उसकी पत्नी और बेटी को भी हिरासत में लिया है। पुलिस को शक है कि हिंसा भड़काने में जावेद के अलावा उसकी पत्नी और बेटी भी शामिल हैं। जावेद की बेटी ने इससे पहले सीएए कानून विरोधी प्रदर्शन को भी हवा दी थी।