JNU Violence

JNU Violence: शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, ''रामनवमी हवन किया जाए या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया। ये दो समूहों के संस्करण हैं। प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी।''

JNU Controversy: बता दें कि रविवार को देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक की छवि को धूमिल करने वाले जेएनयू में रविवार को कैम्पों में एक बार फिर झड़प हुई। वाम गठबंधन के सदस्यों ने एबीवीपी पर परिसर में एक छात्रावास में मांसाहारी भोजन पर जबरन प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया, जबकि एबीवीपी ने आरोप लगाया कि एनएसयूआई सहित वाम गठबंधन के सदस्य उन्हें राम नवमी के अवसर पर 'पूजा' और 'हवन' कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दे रहे थे।

1969 में जेएनयू (JNU) की स्थापना कांग्रेस (Congress) और वामपंथ (leftist) के दुरभिसंधि काल में हुई थी। दोनों के बीच परस्पर अलगाव, अविश्वास, षड्यंत्र और संघर्ष का दौर समाप्त हो चुका था। कांग्रेस और वामपंथ में एक अघोषित और अलिखित परस्पर फायदे का समझौता हो चुका था। यह तय हुआ था कि केन्द्रीय सत्ता और राजनीति कांग्रेस के हाथ में होगी और कला, संस्कृति और बौद्धिक संस्थाओं से जुड़े सत्ता के केन्द्रों के सुविधाभोगी नियंता वामपंथी होंगे। सांस्कृतिक केंद्र वामपंथ की पाठशाला, कार्यशाला और प्रयोगशाला बन गए।

जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एक बड़ा आदेश दिया। हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप और गूगल को आदेश देते हुए कहा कि 5 जनवरी को JNU में हिंसा से संबंधित सोशल मीडिया का डेटा संरक्षित कर जांच के लिए उपलब्ध कराएं।

दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने का विवाद अभी भी थमा नहीं है। गौर हो कि जेएनयू में हुए विवाद के बाद दीपिका छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचीं थीं। इस दौरान दीपिका ने वहां घायल छात्रों से मुलाकात भी की थी।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हुई हिंसा पर अब बॉलीवुड के अभिनेता वरुण धवन ने भी कहा है कि वह भी इस मुद्दे पर न्यूट्रल नहीं रह सकते हैं।

जेएनयू हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस ने जांच के सिलसिले में पेरियार हॉस्टल और साबरमती हॉस्टल के 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स के बयान लिए। वार्डन और हॉस्टल स्टाफ के बयान भी दर्ज किए गए।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जेएनयू मामले की जांच में अहम कामयाबी मिली है। पुलिस को अब तक अब तक लगभग 100 मोबाइल वीडियो फुटेज मिली है जिसमे प्रदर्शन से लेकर बवाल तक के वीडियोज हैं। यह फुटेज जेएनयू के गुनाहगारों की तक पहुंचने के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार रात को हुई हिंसा के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर भी प्रदर्शनकारी जुटे। हालांकि यह प्रदर्शन तो जेएनयू हिंसा के विरोध में था, लेकिन इस दौरान फ्री कश्मीर लिखे पोस्टर भी देखे गए।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार रात हुई हिंसा में अब नया मोड़ सामने आया है। जेएनयू में मास्क पहनकर छात्रों पर हमला करने वाली भीड़ की जिम्मेदारी हिंदू रक्षा दल नाम के एक संगठन ने ली है।