आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान मोदी सरकार ने संविधान के 103वें संशोधन से किया था। याचिका करने वालों ने दलील दी कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता। ये दलील भी दी गई कि एससी, एसटी और ओबीसी में भी गरीब हैं। फिर आरक्षण सामान्य वर्ग को क्यों दिया जा रहा है।