Kalapani

नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने चीन को खुश करने की खातिर 20 मई 2020 को नेपाल का नया नक्शा पेश किया था। इसे नेपाल की संसद ने उसी साल 13 जून को मंजूरी दी थी। भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया था। भारत ने इसके खिलाफ नेपाल से राजनयिक स्तर पर विरोध जताया था।

Nepali PM Oli: माना जा रहा है कि नेपाल(Nepal) में जिस तरह से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है, ऐसे में केपी शर्मा ओली(KP Sharma Oli) इस तरह के बयान दे रहे हैं, जिससे लोगों का ध्यान भटक सके।

उन्होंने कहा, हमने कई बार अपने भारतीय मित्रों से औपचारिक रूप से सीमा से संबंधित इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कूटनीतिक बातचीत शुरू करने के लिए कहा। हमने इसके लिए संभावित तारीखों का भी सुझाव दिया लेकिन भारत की ओर से हमारे प्रस्ताव पर समय से जवाब नहीं दिया गया।

अब नेपाल की राष्‍ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने गुरुवार को उस संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दे दी, जिसके जरिये नेपाल अपना नया नक्‍शा जारी कर रहा है।

नेपाल की संसद ने शनिवार दोपहर को संविधान संशोधन बिल पास कर दिया है इसके बाद इस हिमालयी राष्ट्र का नक्शा बदल गया है। दो तिहाई बहुमत से ये नक्शा पास हुआ है। नेपाल की संसद में पास हुआ ये नक्शा विवादित है जिसमें कि भारत के तीन इलाके लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख भी शामिल किए गए हैं।

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली से सीमा विवाद को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की बात कही। नेपाल की संसद नए राजनीतिक नक्शे के लिए किए जा रहे संविधान संशोधन पर मुहर लगाने के लिए लगभग तैयार है।

नेपाल चीन की शह पर एक के बाद दूसरी चाल चलता जा रहा है। पहले अपने नक्शे में भारत के हिस्से शामिल करने के बाद अब नेपाल ने भारत से सटी सीमा पर अपनी सेनाएं तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी हैं।

असल में, नेपाल की तरफ से जारी नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था।

कालापानी और लिपुलेख को नक्शे में शामिल करने के बाद भारत और नेपाल की सीमा पर विवाद पैदा हो गया था। इस बीच नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने सीमा विवाद पर बयान है जिसमें उन्होंने भारत को ऐसा देश बताया है, जिससे नेपाल का काफी करीबी रिश्ता है।

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