Maharashtra Political Crisis

Sharad Pawar: शरद पवार ने कहा कि मोराजी देसाई कितने साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि, मैं किसी पद काबिज नहीं होना चाहता हूं। मैं सिर्फ जनता की सेवा करना चाहता हूं और महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता मेरे साथ है।

Ajit Pawar vs Sharad Pawar: भुजबल ने कहा, जब मैं शिवसेना छोड़कर आपके पास आया। तो बालासाहेब ठाकरे को भी बुरा लगा होगा। इसके अलावा छगन भुजबल ने दावा किया है कि 40 से अधिक और एमएलसी हमारे साथ हैं।

चर्चा इसकी है कि शिवसेना और एनसीपी में जिस तरह बगावत के बाद उनको महाराष्ट्र की सत्ता की मलाई खाने को मिल रही है, उससे कांग्रेस के कई विधायक परेशान हैं। पहले उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी की सरकार चलाई, तो कांग्रेस उसमें शामिल थी। जबसे उद्धव की सरकार गई, सत्ता से कांग्रेस दूर हो गई।

Maharashtra Political Crisis: ध्यान दें कि बीते प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के पाले में थे। बीते रविवार को भी पटेल भी राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। बीते दिनों प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी की ओर से कार्यकारी अध्य़क्ष भी बनाया गया था। इतना ही नहीं, शरद पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान यहां तक कहा था कि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर प्रफुल्ल पटेल ने मेरे खिलाफ यह कदम कैसे उठा लिया।

वहीं दूसरी तरफ मुंबई में शरद पवार अपने तमाम समर्थक नेताओं के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं | लेकिन महाराष्ट्र के इस घटनाक्रम थोड़ा और आगे ले चलते हैं और इसे एक बड़े परिप्रेक्ष्य में देखते हैं | 

Maharashtra Political Crisis: इस बीच खबर है कि महाराष्ट्र में कई जगहों पर उन नेताओं के कालिख पोते हुए पोस्टर लगाए गए हैं, जो कि अजित पवार के साथ जाकर शिंदे सरकार में शामिल हुए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अजित पवार के साथ आने वाले अधिकांश नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई जारी है, जिस पर विपक्षी दलों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए इन लोगों ने एनडीए को समर्थन दिया है।

Maharashtra Political Crisis: चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार की इस जंग में सबसे बड़ा नुकसान सुप्रिया सुले का हुआ है। कहां तो जून को उनके पिता शरद पवार ने एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था, लेकिन अब सुप्रिया सुले के हाथ कुछ नहीं बचा। अब सुप्रिया को अपना वजूद कायम रखने के लिए नए सिरे से कसरत और सियासी कवायद करनी होगी।

Maharashtra Political Crisis: एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि वे अपने राजनीतिक जीवन में इस तरह की कई बगावतें देख चुके हैं। उन्होंने ही इस पार्टी की स्थापना की थी और वो खुद ही इस पार्टी को खड़ी करेंगे। इस बीच उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं का शुक्रिया अदा किया है ,जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भी नाम लिया।

Maharashtra Political Crisis: पहले बताते हैं कि शरद पवार ने क्या कहा था। शरद पवार ने कहा था कि 2019 में जब अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ली थी, तो उनको सब पता था। तब अजित को नहीं रोका, क्योंकि वो दिखाना चाहते थे कि बीजेपी किसी के भी साथ सरकार बना सकती है।

Maharashtra Political Crisis: अब अजित पवार एनसीपी की अध्यक्षता के लिए दावा ठोक सकते हैं। अगर वो ऐसा कदम उठाते हैं, तो यह शरद पवार के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। शरद पवार अभी पुणे में हैं। वहीं, इस सियासी हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद अब वो सुप्रिया सुले पुणे रवाना हो चुकी हैं। पवार पुणे से ही महाराष्ट्र की सभी राजनीतिक गतिविधियों पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं।