30 जनवरी, 1948 को तत्कालीन सरसंघचालक गुरुजी गोलवलकर मद्रास में एक कार्यक्रम में थे, जब उन्हें गांधी जी की मृत्यु का समाचार मिला। उन्होंने तुरंत ही प्रधानमंत्री पंडित नेहरू, गृह मंत्री सरदार पटेल और गांधी जी के सुपुत्र देवदास गांधी को टेलीग्राम द्वारा अपनी शोक संवेदना भेजी।