Karnataka: दरअसल, वरिष्ठ विधायक शिवशंकरप्पा ने अपने पत्र में कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कार्यकाल में लिंगायत समुदाल बदहाल अवस्था है। इस सरकार को लिंगायत समुदाय की कोई फिक्र नहीं है। पत्र में कहा गया है कि सिद्धारमैया सरकार लिंगायत समुदाय को महज राजनीतिक फायदे के दृष्टिकोण से ही देखती है, जो कि किसी मायने से उचित नहीं है।
जी हां...आपको बता दें कि इस सीट से बीजेपी ने विजय बघेल को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं अब कांग्रेस इस सीट से किसे चुनावी मैदान में उतारती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि यह सीट शुरू से ही भूपेश बघेल का गढ़ रहा है।
Ajit Pawar: उन्होंने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नुमाइंदों को इस दिशा में गंभीरता से विचार-विमर्श करना चाहिए और बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए, लेकिन मुझे यह जानकर अफसोस होता है कि अभी तक सरकार की ओर से इस दिशा में कोई भी कदम उठाने की दिशा में इच्छा नहीं जाहिर की जा रही है।
UP Monsoon Session: वहीं सपा और बाकी विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए यूपी के उप मुख्यमंत्री केपी मौर्य ने कहा कि सपा के विरोध का आम लोगों के फायदे से कोई लेना-देना नहीं है। अगर वे इस पर बात करना चाहते हैं तो विधानसभा में इसपर बात करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।
अगर संजय निषाद की बात करें, तो उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में आगामी 10 अगस्त को कोर्ट में भी पेश करने का आदेश दिया गया है। बता दें कि यह पूरा मामला उस वक्त का है, जब साल 2015 में निषाद आंदोलन को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन चल रहा था।
अनुष्का शर्मा के प्रॉडक्शन में बनी वेब सीरीज 'पाताल लोक' में बिना इजाजत भाजपा नेता की तस्वीर इस्तेमाल करने पर बढ़े विवाद के बाद प्रड्यूसर्स ने तस्वीर बदल दी है। उन्होंने शो की प्रोड्यूसर अनुष्का शर्मा के विरुद्ध पाताल लोक वेबसीरीज के माध्यम से सनातन धर्म की गलत छवि पेश करने का आरोप लगाया था।
इस संकट की घड़ी में अपने क्षेत्र की जनता के लिए विधायक राजेश शुक्ला कोरोना वॉरियर्स बने हुए हैं। लॉकडाउन के शुरू होने से लेकर अबतक राजेश शुक्ला क्षेत्र के गरीबों, असहायों, जरूरतमंदों के लिए संकटमोचक की भूमिका निभा रहे हैं।
एक तरफ जहां कमलनाथ को अपनी कुर्सी बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ MP के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाथ में बल्ला लेकर चौके-छक्के जड़ते नजर आए।
मध्यप्रदेश में सरकार का समीकरण पलट चुका है। बीजेपी सरकार बनाने के एकदम करीब है। कांग्रेस खेमे में हुई बगावत के साथ ही निर्दलीय विधायक और दूसरी छोटी पार्टियां भी भाजपा के सम्पर्क में हैं।
मध्यप्रदेश में भाजपा ने तुरुप का पत्ता चल दिया है। कांग्रेस की सरकार गिरना तय है। अब तक कुल 22 विधायकों के इस्तीफे हो चुके हैं।