Moody’s

मूडीज ने कहा है कि भारत का वित्तीय क्षेत्र लगातार ताकतवर हो रहा है। इससे आर्थिक और देयता के जोखिम काफी कम हुए हैं। मूडीज के अनुसार वैश्विक और घरेलू ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से भारत पर ऊंचे कर्ज का बोझ और कमजोर लोन सामर्थ्य के जोखिम बढ़े हैं। फिर भी रेटिंग एजेंसी ने भारत के लिए आशा जताई है।

दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था यानी भारत के मामले में विपक्षी दल कांग्रेस समेत तमाम लोग अटकलें लगा रहे थे। अटकलें इसकी कि भारत में मंदी आ रही है और मोदी सरकार लोगों को बेरोजगार होने से बचाने और महंगाई को थामने के लिए कुछ नहीं कर रही।

मूडीज के सहायक उपाध्यक्ष एवं विश्लेषक देबोराह टैन का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए जारी बंद की वजह से खपत कम होने और कारोबारी गतिविधियां थमने से चुनौतियों का सामना कर रही घरेलू अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी। इसकी वजह से 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिल सकती है। कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले ही अर्थव्यवस्था पिछले छह वर्षों में धीमी गति से ही आगे बढ़ रही थी।