उधर, अखिलेश यादव नेताजी की तेरहवीं नहीं मनाने का फैसला किया है। अब आपके जेहन में यह सवाल उठ सकता है कि परंपराओं के मुताबिक तो किसी के निधन पर तेरहवीं मनाना अनिवार्य होता है, तो भला अखिलेश यादव इस तरह कैसे नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं?