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अर्दोआं पिछले 2 दशक से तुर्किए की सत्ता पर कब्जा जमाए हुए हैं। इस बार माना जा रहा था कि वो लोगों की नाराजगी के कारण सत्ता गंवा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कमाल ने सबसे बड़ा वादा ये किया था कि वो राष्ट्रपति के अधिकारों में कटौती करेंगे, लेकिन जनता को लुभा नहीं सके। अर्दोआं की जीत भारत पर भी असर डाल सकती है।

रूस ने 24 फरवरी 2022 से यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू किया था। व्लादिमिर पुतिन अब तक इसे विशेष सैन्य कार्रवाई कहते रहे हैं। बेलारूस की बात करें, तो उसके राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की पुतिन से गहरी दोस्ती है। यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस ने बेलारूस के सैनिकों के साथ बड़ा युद्धाभ्यास भी किया था।

नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) ने इराक में अमेरिकी हमले में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद उपजे तनाव के कारण स्थगित किए अपने अभियान को लगभग एक महीने बाद फिर से बहाल करने और बढ़ाने का फैसला किया है।