new parliament building name

नई संसद भवन के निर्माण में जितनी लागत आई है, उतनी तो अमेरिका में वियतनाम में अपनी एबेंसी बनाने में लगाता है। हाल ही में वियतनाम दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने वहां दूतावास की नींव रखी थी। अमेरिका में हाल ही में वियतनाम में दूतावास के निर्माण की नींव रखी है। वहीं, अगर भारतीय मुद्रा के आधार पर वियतनाम में बन रहे अमेरिकी दूतावास के निर्माण में आई लागत की बात करें।

Asaduddin Owaisi: नए संसद भवन के निर्माण के समय से ही विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है। यह सिलसिला तब से शुरू हुआ जब से इस नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों से होने की बात सामने आई है। इस बात से कांग्रेस समेत 21 पार्टियों ने इसका विरोध किया है।

New Parliament Inauguration: आज पीएम मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर उन सभी श्रमिकों को सम्मानित किया है, जिन्होंने  इसे बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया। इस बीच पीएम मोदी न सभी श्रमिकों से मुखातिब हुए। उनसे बातचीत की। उनका हाल चाल  जाना और उनसे नए संसद भवन के निर्माण को लेकर उनके अनुभव भी जाने।

Complaint Against Kejriwal & Kharge: खड़गे अपने इसी बयान को लेकर घिर गए हैं। दूसरी तरफ बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दलित समाज पूछ रहा है कि क्या उन्हें अशुभ मानते हैं, इसलिए नहीं बुलाते? केजरीवाल का ये बयान कई मायनों में दलित और पिछड़े जातियों का अपमान करने वाला नजर आता है। अगर बीजेपी ऐसा सोचती तो एक आदिवासी को और एक दलित को राष्ट्रपति के पद पर नहीं बैठाती।

Opposition On New Parliament: गुलाम नबी आजाद ने कहा देश की आजादी के बाद, देश की आबादी में करीब 5 गुना से ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। उसी हिसाब से प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ेगी तो लोकतंत्र की इमारत यानि संसद भवन का निर्माण भी जरूरी है। इसके साथ ही विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं नई संसद के उद्घाटन के बेवजह विवाद के एकदम विरुद्ध हूं। ऐसा नहीं है कि विपक्ष के पास मुद्दे नहीं है, लेकिन गलत मुद्दों को उठाने की जरूरत ही क्या है, और रही बात राष्ट्रपति से प्रेम की तो अगर इतना ही प्रेम थे तो मुर्मू के विरुद्ध उन्होंने कैंडिडेट को मैदान में क्यों उतारा ?

Sengol: कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अंग्रेज और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के बीच सत्ता का हस्तांतरण कराने के लिए एक छोटा सा कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें कुछ पुरोहितों ने भी हिस्सा लिया था। पुरोहितों ने पहले अंग्रेज को सेंगोल सौंपा।


Warning: Undefined variable $page_text in /data1/www/hindinewsroompostcom/wp-content/themes/newsroomcmsupdated/archive.php on line 30

Warning: Undefined variable $args in /data1/www/hindinewsroompostcom/wp-content/themes/newsroomcmsupdated/archive.php on line 31