Omar Abdullah

विपक्षी दलों के गठबंधन की सिर्फ यही दिक्कत सामने नहीं आई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मध्यप्रदेश में अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं।

J&K: कोर्ट की तरफ से आदेश दिया गया है कि उन्हें अपनी पत्नी को भरण-पोषण के रूप में प्रति माह 1.5 लाख की रकम देनी होंगी। दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश से पहले उमर अब्दुल्ला को पत्नी पायल अब्दुल्ला को प्रति माह 75 हजार रुपये देने होते थे।   

J&K Assembly Elections: परिसीमन और मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम पूरा होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है। हालाँकि, चुनाव कराने का अंतिम निर्णय चुनाव आयोग के हाथों में है।

Kashmir: उमर अब्दुल्ला ने दृढ़ता के साथ कहा, "इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने से डरती है। वे राज्य में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से पूरी तरह वाकिफ हैं और यह उन्हें मतदाताओं का सामना करने से रोकने वाले कारणों में से एक है।"

Omar Abdullah: केजरीवाल ने कश्मीर संबंधी मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी और उन्होंने कहा था कि अगर अध्यादेश के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की पहचान और अधिकारों को कम किया जाता है तो इसका पूरा देश पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह न्याय का मुद्दा है और उन्हें इसे लेकर चिंता हो रही है।

हुआ दरअसल ये है कि जम्मू की जिला चुनाव अधिकारी अवनी लवासा ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि बीते एक साल से जम्मू में रहने वाले लोगों को वोट डालने का हक दिया जा रहा है। अपने आदेश में लवासा ने लिखा है कि एक साल से रहने वालों का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा जाए। इससे वहां के राजनीतिक दल नाराज हो रहे हैं।

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हिरदेश कुमार ने एक बड़े फैसले की घोषणा की है। अब इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेताओं की तरफ से इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

Jammu-Kashmir: उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, "चलो, आपके लोकतंत्र के नए मॉडल का मतलब है कि हमें बिना स्पष्टीकरण के हमारे घरों में रखा गया है। लेकिन, घर के कर्मचारियों को भी आने की अनुमति नहीं दी जा रही है और फिर आप आश्चर्यचकित हैं कि मैं अभी भी गुस्से में हूं।"

Jammu-Kashmir: उमर ने रविवार को ट्वीट कर लिखा, 'तो यह है अगस्‍त 2019 के बाद का नया या न्‍यू कश्‍मीर। हमें बिना कोई वजह बताए घरों में कैद कर द‍िया गया है। दुर्भाग्‍य है कि उन्‍होंने मेरे पिता एक मौजूदा सांसद को, मुझे हमारे घरों में कैद कर दिया। उन्‍होंने मेरी बहन और उनके बच्‍चों को भी घरों में लॉक कर दिया है।'

रोशनी एक्ट की आड़ में सरकारी भूमि की लूट का आलम यह था कि नैशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसी पार्टियों के प्रदेश कार्यालय इसी एक्ट की आड़ में हथियाई गयी भूमि पर बने हैं। कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आज़ाद ने सैकड़ों करोड़ की सरकारी भूमि अपने चहेतों को कौड़ियों के भाव आवंटित कर दी।