Opposition Unity

Lok Sabha Election 2024: राजधानी लखनऊ में समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी को आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस का रवैया एक जैसा है। मायवती ने कहा कि एससी एसटी और ओबीसी को मिले अधिकारों को निष्प्रभावी करने की कोशिश जारी है।

अधीर रंजन ने ये सवाल उठाया कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ रुख कमजोर नहीं होगा? हालांकि, ये बयान देते वक्त अधीर रंजन ये भूल गए कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी जी-20 के भोज में गए थे और पीएम नरेंद्र मोदी उनके कंधे पर हाथ रखकर बात करते भी दिखे थे।

26 विपक्षी दलों ने जोर-शोर से एलान कर लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने का फैसला किया। विपक्षी दलों के इस गठबंधन I.N.D.I.A ने पहले पटना में बैठक की। फिर अगली बैठक बेंगलुरु में हुई। अब I.N.D.I.A गठबंधन की 31 अगस्त, 1 सितंबर को मुंबई में बैठक होनी है।

Parliament: विपक्ष राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है। वहीं, अब खबर है कि सरकार इस नियम के तहत चर्चा के लिए सहमत हो चुकी है। सनद रहे कि बीते सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने भी कहा कि हम मणिपुर घटना पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष हंगामा बंद करने को तैयार हो नहीं हो रहा है।

पहले पटना और फिर बेंगलुरु। पटना में 17 तो बेंगलुरु में 26 दलों के नेताओं का जुटान। विपक्ष की बीजेपी के खिलाफ साझा कोशिश के ये दो नजारे पिछले दिनों दिखे। विपक्ष के नेताओं ने एक राय से I.N.D.I.A. नाम से गठबंधन भी बना लिया। फिर तय हुआ कि अगली बैठक मुंबई में होगी। इसमें सीट बंटवारे पर चर्चा की बात है।

ओवैसी की पार्टी हर चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है। कई जगह वे जीते भी हैं, लेकिन इसी वजह से अन्य विपक्षी दल ओवैसी को वोट काटने वाला बताकर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाती है। विपक्षी दलों की किसी भी बैठक में असदुद्दीन ओवैसी को कभी बुलाया भी नहीं जाता है।

Opposition Meeting: जेडीयू ने INDIA का फुल फॉर्म भी बताया है- आई- Indian, एन- National, डी- Democratic, आई- Inclusive, ए- Alliance. खबरों के मुताबिक नए गठबंधन का नाम का प्रस्ताव कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रखा था।

विपक्षी दलों की आज से बेंगलुरु में 2 दिन की बैठक है। केंद्र की सत्ता पर लगातार 2 बार से काबिज बीजेपी और खासकर पीएम पद से नरेंद्र मोदी को हटाना इनका फिलहाल एकमात्र एजेंडा है। विपक्षी दल लगातार तमाम आरोप लगाकर मोदी और बीजेपी को घेरते रहते हैं। देश को बर्बाद करने का आरोप भी वे लगाते हैं।

एनसीपी में अजित पवार और उनके साथी विधायकों की बगावत ने बीजेपी और एनडीए को विपक्षी दलों की एकता के अलावा परिवारवाद पर सवाल खड़े करने का मौका दे दिया है। बीजेपी के नेता शाहनवाज हुसैन ने विपक्षी दलों पर तीखा वार किया है। वहीं, एआईएडीएमके ने परिवारवाद पर अंगुली उठाई है।

एक तरफ लोकसभा चुनाव के लिए मोदी और बीजेपी विरोधी दल एकता की बात कर रहे हैं। पटना में बैठक भी हो चुकी है। वहीं, इन विपक्षी दलों में तकरार भी जारी है। ताजा मामला तेलंगाना में सरकार चला रही बीआरएस और उसके नेता के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर का है। केसीआर पर उद्धव गुट और कांग्रेस ने निशाना साधा है।