P Chidambaram

Chidambaram Praises Modi Govt: चिदंबरम ने ये भी हालांकि कहा कि कई मुद्दों पर उनके मतभेद भी हैं। उन्होंने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी सरकार के एलान का जिक्र किया। चिदंबरम ने कहा कि अब इसके लिए और दो साल की बात कही जा रही है। उन्होंने क्षेत्रीय दलों को आगाह भी किया।

P Chidambaram: कांग्रेस नेता चिदंबरम ने इलेक्शन में धर्म का जिक्र होने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, चुनाव में धर्म की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। लेकिन आज चुनाव में हर जगह धर्म है। चिदंबरम ने बिना नाम लिए भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, एक राजनीतिक दल लगातार हिंदुओं के अलावा.. किसी अन्य को उम्मीदवार बनाने से इंकार करता आ रहा है। 

P Chidambaram: पूर्व वित्त मंत्री और प्रमुख कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट 'एक्स' पर एक हालिया पोस्ट में बिल को "भ्रम" कहकर खारिज कर दिया। उन्होंने टिप्पणी की, "हालांकि विधेयक एक कानून बन गया है, लेकिन यह महज एक भ्रम बना हुआ है जिसका वास्तविक कार्यान्वयन वर्षों तक नहीं हो सकता है।

P Chidambaram: भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आरोपों की तुलना मणिपुर में लगातार हो रही क्रूरता से की और सवाल उठाया कि इस क्षेत्र में लगातार हो रही क्रूरता को कोई कैसे नजरअंदाज कर सकता है।

P Chidambaram UCC: उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट से परिचित होना चाहिए और प्रदर्शित करना चाहिए कि यूसीसी एक सामान्य प्रथा है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से बताता है कि यह वर्तमान में संभव नहीं है। यूसीसी मुद्दे को संबोधित करते हुए, चिदंबरम ने भारतीय नागरिकों की विविध सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

दरअसल, जून 2021 में कोरोना महामारी के चरम पर रहते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को ज्यादा रुपए छापने का सुझाव दिया था। चिदंबरम ने कहा था कि इस मुश्किल घड़ी में लोगों के हाथ में पैसा देना चाहिए। अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भी यही सुझाव दिया था।

P Chidambaram: चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी के चार सांसदों द्वारा प्रतिक्रिया देने का तरीका बीजेपी की असहिष्णुता की ओर इशारा करता है, क्योंकि इसकी बजाय मल्लिकार्जुन खरगे के पत्र का जवाब प्रधानमंत्री द्वारा दिया जाना चाहिए था। चिदंबरम ने कहा कि लोकतंत्र में इस प्रकार के सवालों के जवाब में प्रधानमंत्री से पत्र की अपेक्षा की जाती है।

Congress Manifesto Row: बता दें कि मैनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने के वादे के बाद से कांग्रेस बुरी तरह से घिरती हुई नजर आ रही है। बजरंग दल बैन विवाद पर एक के बाद एक कांग्रेस पार्टी के नेता   डैमेज कंट्रोल की कोशिश में लग गई है।

चिदंबरम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले कुछ साल से लोग किसी भी मुद्दे को लेकर सड़क पर नहीं उतरे। सीएए-एनआरसी के विरोध में भी सिर्फ मुस्लिमों ने ही हिस्सा लिया। चिदंबरम ने कहा कि राहुल की संसद सदस्यता खत्म होने के मामले में भी जनता का कोई गुस्सा नहीं दिख रहा है।

P Chidambaram: एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, ''कांग्रेस पार्टी की दुर्गति का कारण यही बड़े बड़े नेता हैं जो जनता से दूर रहकर राज्यसभा सांसद बन जाते हैं। इनको पता है कि लोकसभा चुनाव में जनता इन्हें नकार देती है। इसलिए राज्यसभा के रास्ते संसद में घुस जाते हैं। कांग्रेस पार्टी के सभी बड़े नेता यही रास्ता अपनाते हैं।''