Pakistan Election

US Congress On Pakistan: अमेरिकी कांग्रेस के विदेश विभाग की मध्य-पूर्व, उत्तर अफ्रीका और मध्य एशिया मामलों की कमेटी इस संबंध में चर्चा करेगी। इस कमेटी में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सचिव डोनाल्ड भी गवाही देंगे। डोनाल्ड लू का नाम तब भी आया था, जब इमरान खान की सरकार के दौरान गुप्त जानकारी सार्वजनिक करने का मसला उठा था।

Pakistan: चट्टा ने मुख्य न्यायाधीश की किसी भी भूमिका से इनकार किया और इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाई है. उन्होंने उल्लेख किया कि उन्होंने विशेष रूप से पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता के नाम का उल्लेख किया था, जिनके नाम का उन्होंने खुलासा नहीं किया, जिन्होंने उन्हें इमरान के नेतृत्व वाली पार्टी की तरह गति पैदा करने के लिए एससीपी के नाम का उल्लेख करने का निर्देश दिया था। मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ संदेह और अविश्वास पहले से ही बोया जा रहा है।

पाकिस्तानी आवाम ही नहीं बल्कि वहां के नेता भी ये मान चुके हैं कि मुल्क में फौजी हुकूमत लौटने वाली है । पाकिस्तान में हुए चुनाव में 46 अरब रुपए से भी ज्यादा खर्च हुए हैं वो भी तब जब पड़ोसी मुल्क पाई पाई को मोहताज है । ऐसे में पाकिस्तान में दोबारा चुनाव होना तो नामुमकिन नजर आता है लिहाजा जिन्ना के मुल्क में जम्हूरियत का जनाजा निकलना तय है ।

Pakistan Election: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 70 सीटें आरक्षित भी हैं। इनमें से 60 सीटें महिलाओं के लिए हैं और 10 सीटें गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं। संसदीय चुनाव में पार्टियों की जीती सीटों के आधार पर ही इन आरक्षित सीटों में उनके प्रत्याशियों को जगह दी जाती है।

Imran Khan: अगर तोशाखाना मामले की बात करें, तो इमरान ने इस मामले में राहत पाने के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें वहां से भी कोई राहत नहीं मिल सकी। बता दें कि बीते वर्ष 21 अक्टूबर को तोशखाना मामले में पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था।

Pakistan : पाकिस्तान में आर्थिक हालात कितने अच्छे हैं इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि हाल ही में, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने घोषणा की कि सरकार समृद्ध उपभोक्ताओं से ईंधन के लिए अधिक शुल्क लेगी। जुटाए गए धन का उपयोग गरीबों के लिए कीमतों को सब्सिडी देने के लिए किया जाएगा, जो मुद्रास्फीति से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आईएमएफ के आगे झुका पाक आईएमएफ का कहना है कि योजना की घोषणा करने से पहले उससे परामर्श नहीं किया गया था।